- बड़ी संख्या में ग्रामीण पहुंचे एनएमडीसी जीएम कार्यालय
जगदलपुर. बैलाडीला में डिपॉजिट १४ में की लीज पूरी हो चुकी है। ऐसे में इसकी लीज बढ़ाने के लिए एनएमडीसी ने ६ नवंबर का समय चुना है। लेकिन डिपॉजिट से लगे प्रभावित गांव वालों का आरोप है कि एनएमडीसी ने इसके लिए उन्हें जानकारी ही नहीं दी है। उन्हें दूसरे गांव के द्वारा जानकारी मिली है कि इस तरह का आयोजन एनएमडीसी करवाने जा रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि वे गुपचुप तरीके से इस लीज की रिनीवल के लिए जनसुनवाई करना चाह रहे है। लेकिन प्रभावित गांव वाले इसे होने नहीं देंगे। करीब एक दर्जन गांव के ग्रामीण बुधवार को बैलाडीला में एनएमडीसी की जीएम कार्यालय पहुंचे। हालांकि जीएम के नहीं होने की वजह से उन्होंने उनसे फोन पर बात की और इस जनसुनवाई को रद्द कर फिर से नई तारिख देने को कहा है। साथ ही कहा कि वे सुनवाई के लिए सभी प्रभावित गांव वालों को सूचना दें। जिससे की वे अपनी बात रख सकें।
गांव में लालपानी का जहर छोड़ दिया, अब धोखा दे रहे
ग्रामीणों का आरोप है कि इस डिपॉजिट में खुदाई के चलते उनके यहां लालपानी की समस्या है। इसके चलते उनके यहां खेती से लेकर सबकुछ तबाह हो गया है। इंसानों से लेकर जानवरों तक की मौत हो रही है। एनएमडीसी से बार-बार शिकायत के बाद भी आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला। वे चाहते हैं कि उनके गांव में विकास के कार्य हों। स्कूल, आंगनबाड़ी, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बने। लोगों को रोजगार मिले। लेकिन इन सबको दरकिनार कर धोखेबाजी करते हुए इस प्लांट पर खुदाई का रिनीवल करवाना चाहते हैं। जो कि गलत है। वे इसे नहीं सहेंगे।
६ को जनसुनवाई हुई तो होगा बड़ा आंदोलन
बड़ी संख्या में पहुंचें गांव वालों ने साफ कहा है कि उन्हें अपने यहां विकास चाहिए। इस तरह धोखेबाजी से जनसुनवाई करके एनएमडीसी अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकता। इसलिए वे ६ नंवबर को होने वाले जनसुनवाई का विरोध करते हैं। यदि इसके बाद भी वे जनसुनवाई के लिए अड़े रहते हैं तो गांव वाले बड़ा आंदोलन करेंगे। इसके लिए सभी गांव एकमत हैं। एनएमडीसी को इस सुनवाई को रोकना ही होगा और आने वाले दिनों में सभी को सूचना देकर इसे करवाना होगा।
सोनी बोली ग्रामीणों के साथ धोखेबाजी नहीं सहेंगे
इधर गांव वालों के समर्थन में बैलाडिला समाजसेवी सोनी सोढ़ी खुद पहुंची। उन्होंने कहा कि वे गांव वालों से मिली है। इसे लेकर ग्रामीणों में काफी आक्रोश है। विकास पाने का हक इन आदिवासियों का भी है। वे यदि जनसुनवाई में अपनी बात रखना चाहते है तो इसमें हर्ज क्या है। एनएमडीसी को सभी गांवों तक सूचना पहुंचानी होगी इसके बाद ही जनसुनवाई होनी चाहिए। यदि वे ऐसा नहीं करते हैं तो ग्रामीणों के साथ वे भी आंदोलन में बैठेंगी।
इन गांव के हैं ग्रामीण
ग्राम पंचायत बुरगील, दुगोली, मुदुम, इरमागुंडा, कावडग़ांव, डुम्मीर, पालनार, करका, हिलोरी, लोवा, पुरंगेल, पीरनार, गमपुर, अंड्री, कुवेम, डोडी तुमनार, तामोड़ी, मिरगान, गोटटोड़, पीडिय़ा, इडिय़ुम, छोटा गोटटोड़ समेत अन्य गांव के लोग पहुंचे थे।