
जयपुर, 21 जुलाई
राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय और कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति.2019 (Agro Processing, Agribusiness and Agri Export Promotion Policy.2019) के तहत प्रदेश में 617 एग्रो प्रोजेक्ट स्थापित किए जाएंगे जिन पर 1255 करोड़ रुपए का निवेश होगा। इसके लिए राज्य सरकार ने अब तक 338 प्रोजेक्ट पर 119 करोड़ रुपए की सब्सिडी मंजूर की है।
कृषि विभाग के प्रमुख शासन सचिव भास्कर ए सावंत ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वर्तमान राज्य सरकार की पहली वर्षगांठ के मौके पर दिसम्बर 2019 में यह नीति लॉन्च की थी। पूंजीगत, ब्याज, विद्युत प्रभार एवं भाड़ा अनुदान प्रोत्साहन के साथ ही ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में कृषि भूमि के रूपान्तरण जैसी सहूलियतों की वजह से किसान और उद्यमी इसमें खासी रुचि दिखा रहे हैं। वेयर हाउस और केटल फीड उद्यमों के साथ तिलहन, दलहन, मसाले, मूंगफली, कपास, दूध और अनाज प्रोसेसिंग की इकाइयां स्थापित की गई हैं।
वेयर हाउस में सबसे अधिक रुचि
उनका कहना था कि राज्य में 226 वेयर हाउस स्थापित हो रहे हैं। एग्रो प्रोसेसिंग क्षेत्र में सबसे अधिक अनाज प्रोसेसिंग की 82 और तिलहन प्रोसेसिंग की 76 इकाइयां लगाई गई हैं। इसके अलावा दलहन की 46, मसाले की 43, मूंगफली की 36, कपास की 33, केटल फीड की 16, दूध प्रोसेसिंग की 15, शॉर्टिंग.ग्रेडिंग की 13 और 31 अन्य इकाइयां स्थापित की जा रही हैं। राज्य में 88 किसानों को 39 करोड़ 60 लाख रुपए की सब्सिडी स्वीकृत की गई है, जिन्होंने 89 करोड़ रुपए का निवेश किया है। गैर कृषक उद्यमियों ने 496 करोड़ रुपए निवेश कर 250 इकाइयां स्थापित की हैं, जिन पर राज्य सरकार की ओर से 79 करोड़ 69 लाख रुपए सब्सिडी दी गई है। शेष अन्य प्रोजेक्ट्स के लिए बैंकों से लोन स्वीकृत होकर कार्य चालू हो गया है, जिन्हें शीघ्र ही सब्सिडी उपलब्ध कराई जाएगी।
दिया जा रहा है अनुदान
सांवत ने बताया कि इस नीति के तहत एग्रो प्रोसेसिंग इंडस्ट्री लगाने और इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करने के लिए किसान और उनके संगठनों को परियोजना लागत का 50 फीसदी अधिकतम एक करोड़ रुपए और अन्य पात्र उद्यमियों को 25 प्रतिशत अधिकतम 50 लाख रुपए अनुदान दिया जा रहा है। साथ ही संचालन लागत कम करने के लिए सावधि ऋण लेने पर किसानों एवं उनके समूहों को 6 फीसदी की दर से 5 साल तक ब्याज अनुदान दिया जा रहा है। किसानों के लिए ब्याज अनुदान की अधिकतम सीमा एक करोड़ रुपए तय की गई है। सामान्य उद्यमियों को 5 फीसदी की दर से 5 साल तक ब्याज अनुदान दिया जा रहा है, जबकि आदिवासी क्षेत्रों और पिछड़े जिलों में इकाइयां लगाने वालों तथा अनुसूचित जाति.जनजाति, महिला और 35 साल से कम उम्र के उद्यमियों को एक प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज अनुदान मिल रहा है।
Published on:
22 Jul 2021 12:04 am
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