
जयपुर। सरकारी अलमारी में 2.31 करोड़ रुपए और सोना मिलने के बाद अब कर्मचारियों द्वारा जीपीएफ खाते से संबंधित लेजर में छेडछाड़ कर करीब 6 करोड़ रुपए निकाल लिए जाने का मामला सामने आया है। डिजिटल रिकॉर्ड में हेरफेर होते ही आईटी सिस्टम की वजह से 24 घंटे के भीतर मामला खुल गया और अधिकारी तत्काल हरकत में आ गए। राज्य बीमा प्रावधायी निधि (एसआईपीएफ) विभाग ने 3 कर्मचारियों की लिप्तता मानते उन्हे निलम्बित कंर दिया है, वहीं जिन 12 कर्मचारियों के खातों के माध्यम से राशि निकाली गई उनकी भूमिका का भी पता लगाया जा रहा है।
एसआईपीएफ विभाग ने इन 12 कर्मचारियों के खाते में जमा तीन करोड़ रुपए की निकासी रुकवा दी है, वहीं 78 ला्ख रुपए वसूल भी कर लिए हैं। यह भी जांच की जा रही है कि कहीं और राशि का लेन-देन तो नहीं हुआ है और कोई अन्य कर्मचारी तो इस मामले में लिप्त नहीं है।
यह पूरा मामला आईटी सिस्टम की वजह से खुला है। दरअसल, वर्ष 2012 से पहले का रिकॉर्ड मैन्युअल था, इसी कारण एसआईपीएफ के पकड़े गए कर्मचारियों ने पुराने जीपीएफ खातों के माध्यम से सेंध लगाई। इन खातों से संबंधित कर्मचारियों की वित्तीय सीमा (एनटाइटलमेंट) बढ़ाकर 6 करोड़ रुपए निकाल लिए गए, लेकिन जैसे ही डिजिटल रिकॉर्ड में एंट्री हुई सेंधमारी पकड़ में आ गई और पूरा राज खुल गया। पिछले दिनों सूचना-प्रौद्योगिकी विभाग में भी रिकॉर्ड डिजिटल करने के लिए आलमारी खोलने पर 2.31 करोड़ रुपए नकद व सोना पकड़ में आया था।
एलडीसी से सुपरवाइजर तक मिलीभगत
बताया जा रहा है कि जीपीएफ खाते से संबंधित लेजर में छेडछाड़ के मामले में एलडीसी से सुपरवाईजर तक की मिलीभगत सामने आ चुकी है। इन कर्मचारियों से और जानकारी जुटाई जा रही हैं, ताकि मांमले की तह में जाकर अब तक हुई गडबडियों का पता लगाया जा सके।
Published on:
04 Jun 2023 12:38 am
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