6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

स्वर माधुरी के सेमीफाइनल में देश की 85 प्रतिभाओं ने दिखाया हुनर

30 दिसंबर को होगा मेगा फाइनल, पार्श्व गायिका हेमलता और पंडित विश्वमोहन होंगे अंतिम चरण के निर्णायक

2 min read
Google source verification

जयपुर

image

Suresh Yadav

Dec 28, 2023

स्वर माधुरी के सेमीफाइनल में देश की 85 प्रतिभाओं ने दिखाया हुनर

स्वर माधुरी के सेमीफाइनल में देश की 85 प्रतिभाओं ने दिखाया हुनर

जयपुर। जयपुर सहित देश के अनेक शहरों में आयोजित की जा रही देश की सबसे बड़ी ऑफ लाइन अखिल भारतीय संगीत प्रतियोगिता 'स्वर माधुरी' का बुधवार को सेमीफाइनल राउंड आयोजित किया गया। सीतापुरा स्थित जेईसीआरसी के ऑडिटोरियम में आयोजित इस राउंड में पूर्व के विभिन्न चरणों में चयनित कुल 85 गायन प्रतिभाओं ने अपने हुनर का प्रदर्शन किया। देश के पहले सबसे बड़े ऑफ लाइन टेलेंट हंट का आयोजन गायिका सीमा मिश्रा द्वारा स्थापित सीमा मिश्रा राजस्थान लोक संगीत- कला अकादमी और भारत के प्रमुख राष्ट्रव्यापी साहित्यिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक संगठन सम्पर्क क्रांति परिवार के संयुक्त तत्वाधान में किया जा रहा है।दिनभर चली प्रतियोगिताओं में संगीत गुरू पं. आलोक भट्ट, लोक गायक, लोक संगीत मर्मज्ञ ईश्वर दत्त माथुर और मरु कोकिला सीमा मिश्रा राजस्थान संगीत संस्थान के संगीत गुरु, डॉ. गौरव जैन, सा.रे.गा.मा.पा फैम, प्रसिद्ध गायक संजय रायजा़दा ने प्रतिभाओं के हुनर की परख की और 30 प्रतिभाओं का फाइनल राउंड के लिए चयन किया।

संपर्क क्रांति परिवार के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिव विनायक शर्मा एवं सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय संयोजक डॉक्टर प्रकाश छबलानी ने बताया कि अन्तिम चरण की प्रतियोगिता 30 दिसंबर को शाम 5.00 बजे से महाराणा प्रताप ऑडिटोरियम में आयोजित की जाएगी। फाइनल राउंड में पांच बार की फिल्मफेयर अवार्ड प्राप्त पार्श्व गायिका हेमलता और पद्मभूषण पं. विश्व मोहन भट्ट निर्णायक के रूप में मौजूद रहेंगे। हेमलता को 1977 में फिल्म चितचोर के गाने तू जो मेरे सुर में सुर मिला ले, फकीरा के सुन के तेरी पुकार, 1979 में अंखियों के झरोखे से के शीर्षक गीत, 1980 में फिल्म सुनयना के मेघा रे मेघा रे और 1981 में आप तो ऐसे ना थे फिल्म के गीत तू इस तरह से मेरी जिंदगी गीत के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार के लिए नवाजा जा चुका है।

इन श्रेणियों में आयोजित हुई प्रतियोगिता

इस प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य स्वर साधकों के इस महाकुंभ में स्वर मंथन से स्वर शिरोमणि की खोज करना है। यह कार्यक्रम तीन वर्गों में है, बाल वर्ग ‘किलकारी’ 5 वर्ष से 15 वर्ष, तरुण वर्ग तरुणाई 16 से 25 वर्ष, युवा वर्ग जुनून 26 वर्ष से अधिक सभी के लिए चार विधाओं में आयोजित किया जा रहा है। ’शास्त्रीय संगीत, लोक संगीत, तथा सुगम संगीत के अनरिकॉर्डेड एवं रिकॉर्डेड’ श्रेणियों में होने वाली इस प्रतियोगिता में असाध्य रोग से ग्रसित ’थैलेसीमिया, कैंसर, एड्स, दिव्यांग, विधवा महिलाओं एवं ट्रांसजेंडर (किन्नर) के लिए पंजीकरण शुल्क नहीं रखा गया है’।

अब तक यहां आयोजित हुए ऑडिशन

जयपुर ऑडिशन से पूर्व अब तक दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, असम ,मध्य प्रदेश, सहित राजस्थान के रतनगढ़, सरदारशहर, लक्ष्मणगढ़, जोधपुर, नोखा, सीकर में ऑडिशन आयोजित कर अगले चरण के लिए प्रतिभाओं का चयन किया गया है।


बड़ी खबरें

View All

जयपुर

राजस्थान न्यूज़

ट्रेंडिंग