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Sikar Accident: गांव में एक साथ निकली 9 अर्थियां, चीत्कार के बीच बाजार में पसरा रहा ‘सन्नाटा’

Sikar Accident: जयपुर जिले के सामोद गांव में एक साथ सोमवार सुबह 9 अर्थियां निकलीं तो हरेक की जुबान पर सिर्फ हे राम... का ही नाम था। नियति को यही मंजूर था। यह कहते हुए गमगीन लोगों के कदम आगे बढ़ रहे थे।

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पत्रिका न्यूज़ नेटवर्क/जयपुर/सामोद/चौमूं। Sikar Accident: जयपुर जिले के सामोद गांव में एक साथ सोमवार सुबह 9 अर्थियां निकलीं तो हरेक की जुबान पर सिर्फ हे राम... का ही नाम था। नियति को यही मंजूर था। यह कहते हुए गमगीन लोगों के कदम आगे बढ़ रहे थे। चीत्कार के बीच बाजारों में सन्नाटा छाया रहा। अर्थियां देखकर हर किसी की रूह कांप रही थी। मृतक मित्र के अलावा एक साथ चिता पर जब 8 शव रखे गए तो मौजूद सैकड़ों लोगों की आंखें नम हो गईं। पीड़ित परिजन गमगीन थे। मृतकों के माता-पिता बेसुध हो रहे थे तो अन्य परिजनों का भी हाल बेहाल था।

जानकारी के अनुसार रविवार को सामोद के खटीक का मोहल्ला निवासी दो सगे भाइयों का परिवार पिकअप से सीकर देव स्थानों पर दर्शन करने गया था। शाम को लौटने पर सीकर के पलसाना के पास पिकअप, बाइक व ट्रक के बीच भीषण सडक़ हादसे में परिवार के 8 जनों के साथ कस्बा निवासी ही 1 मित्र की भी मौत हो गई थी। हादसे में मोहल्ला निवासी 50 वर्षीय कैलाश मल्होत्रा की बेटी रेखा, बेटा विजय, अजय और विजय की पत्नी राधा की मौत हो गई थी तो सगे भाई सुवालाल के दो बेटों की पत्नी अनुराधा और पूनम व अनुराधा का दो साल का बेटा आरव व पौती तृशा उर्फ निकू भी चल बसी। इनके अलावा दोस्त अरविंद पिंगोलिया की भी मौत हो गई थी।

पोस्टमार्टम के बाद सोमवार सुबह 9.30 बजे गांव में एक साथ 6 एम्बुलेंस 9 शवों को लेकर पहुंची तो गांव में सन्नाटा पसर गया। एम्बुलेंस की आवाज सन्नाटे को चीरती हुई मृतकों के घर पहुंची, जहां पीड़ित परिजनों में कोहराम मच गया। मृतकों के माता-पिता सहित हर किसी की आंखों से रुलाई फूट पड़ रही थी। मृतकों के पिता कैलाश खटीक व सुवालाल, मां कमला देवी व बिरमा देवी तो बेसुध हो गए। ये जोर-जोर से अपने खोए परिजनों का नाम लेकर बेहोश हो रही थी। इधर, मृतक अरविंद के घर पर भी चीख पुकार मची रही। तीन बहनों के अपने इकलौते भाई को खोने का गम साफ नजर आ रहा था। उसके पिता प्रदीप व माता मीरा देवी की आंखों से भी रुलाई थमने का नाम नहीं ले रही थी।

सहयोग को बढे़ हाथ:
हादसे के बाद कई जनप्रतिनिधि, अधिकारी, कर्मचारी भी पीड़ित परिवार के घर पहुंचे। भीमराव अंबेडकर समारोह समिति जयपुर के अध्यक्ष लालचंद असवाल ने मृतकों के आश्रित परिजनों को 5-5 हजार रुपए की नकद सहायता राशि दी। उपखण्ड अधिकारी चौमूं ने पीडित परिवार को ढांढस बंधाया। इस दौरान गोविन्दगढ वृताधिकारी बालाराम, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुभाष महरिया, विधायक रामलाल शर्मा, कांग्रेस नेता भगवान सहाय सैनी, आरएलपी नेता छुट्टन यादव, शाहपुरा कांग्रेस नेता मनीष यादव, प्रधान रामस्वरूप यादव, भगवान सहाय गिरणा, दिनेश चतुर्वेदी, दिनेश गोरा, कैलाश सैनी, फतेहपुरा सरपंच बाबूलाल गुर्जर, शंकर गोरा, पंसस महेश यादव, डॉ. श्रवण बराला, अर्जुन यादव सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिधि एवं लोग पहुंचे।

हादसे में बची पौती से चिपका रहा दादा:

हादसे में कैलाश का पूरा परिवार ही उजड़ गया। अब पविार में पत्नी के अलावा एक पौती व एक बहू बची है। एक साल की इस पौती को जरा भी अंदाजा नहीं है कि उसके सिर से माता-पिता, चाचा, बुआ सहित चचेरे परिवार में अन्य परिजनों का साया उठ गया है। श्मशान में वह दादा से चिपकी रही।

हर आंख नम हो गई:
कैलाश व सुवालाल के घर से 8 जनों की अर्थियां एक साथ उठी। वहीं दूसरी तरफ मृतक अरविंद की अर्थी भी एक साथ हो गई। कस्बे से होकर शमशान तक एक कतार में 9 अर्थियों को देखकर हर आंख नम हो गई। श्मशान में 8 शवों को एक ही चिता पर और मित्र का अलग चिता पर अंतिम संस्कार किया। 8 शवों को चचेरे भाई विकास ने कांपते हाथों से मुखाग्नि दी और फिर वह फूटफूट कर रो पड़ा। इधर, मृतक अरविंद को उसके चचेरे भाई हिमांशु ने मुखाग्नि दी।

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जयपुर में तीन जनों का चल रहा उपचार:
हादसे में घायल बहू जीवा देवी और सुवालाल के बेटे मनीष व संजय का देर शाम तक जयपुर के एसएमएस अस्पताल में उपचार जारी रहा। हालांकि कैलाश की एक साल की पौती सालवी व सुवालाल के छोटे बेटे विकास को जयपुर अस्पताल से छुट्टी मिल गई है।

मजदूरी कर चलाता है परिवार:
कैलाश मजदूरी करके अपने परिवार का पालन पोषण करता है। उसका मृतक एक बेटा विजय नांगल भरड़ा में ई मित्र की दुकान चलाता था। वहीं दूसरा बेटा अजय कबाड़ी का काम करता था। उसका सगा भाई सुवालाल भी मजदूरी करता है।