
Photo- Patrika Network
राजधानी जयपुर में बच्चों के बीच हैंड, फुट, माउथ डिजीज (एचएफएमडी) के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। जेके लोन अस्पताल की ओपीडी में रोजाना 4 से 5 नए मरीज सामने आ रहे हैं। यह संक्रामक बीमारी खासतौर पर पांच वर्ष तक की उम्र के बच्चों को तेजी से अपनी चपेट में ले रही है। बच्चों के हाथ, पैर और मुंह में दर्दनाक छाले और फफोले इसके प्रमुख लक्षण हैं।
शिशु रोग विशेषज्ञों के अनुसार छोटे बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता पूरी तरह विकसित नहीं होती, इसलिए वे इस वायरस से जल्दी संक्रमित हो जाते हैं। कई मामलों में एक ही परिवार के दो बच्चों में भी यह संक्रमण देखा गया है। विशेषज्ञों ने परिजन को सतर्क रहने की सलाह दी है, क्योंकि यह बीमारी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से तेजी से फैलती है।
क्या है हैंड, फुट, माउथ डिजीज (एचएफएमडी): यह संक्रामक बीमारी कॉक्ससैकी वायरस ए-16 और एंटरोवायरस 71 के कारण होती है। यह वायरस खांसने, छींकने, लार और नाक के स्राव के माध्यम से या संक्रमित सतहों और खिलौनों के संपर्क में आने से फैल सकता है।
डॉक्टरों का कहना है कि भले ही यह बीमारी तेजी से फैलती है, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है। समय पर पहचान, उचित देखभाल और साफ-सफाई से बच्चे जल्द ठीक हो सकते हैं।
यह संक्रमण आमतौर पर हर साल मानसून के मौसम में सामने आता है। इसका कोई विशिष्ट इलाज नहीं है, लेकिन अधिकतर बच्चे 7 से 10 दिन में खुद ठीक हो जाते हैं। जरूरी है कि बुखार, गले के दर्द या छालों की स्थिति में डॉक्टर से तुरंत परामर्श लिया जाए और बच्चे को पर्याप्त आराम दिया जाए। घबराने की जरूरत नहीं है।
-डॉ. कृष्ण कुमार यादव, वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ, उप अधीक्षक, जेके लोन अस्पताल
Published on:
30 Jul 2025 09:02 am
बड़ी खबरें
View Allजयपुर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
