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ऊपर भगवान और नीचे मैं…किसी से नहीं डरते, सहकारी समिति के उप रजिस्ट्रार रिश्वत लेते गिरफ्तार

एसीबी ने सहकारी समितियां (जयपुर शहर) के उप रजिस्ट्रार देशराज यादव व निरीक्षक अरुण प्रताप सिंह को मंगलवार को 5 लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया। एसीबी के सत्यापन में खुलासा हुआ कि आरोपी उप रजिस्ट्रार रिश्वत लेने में इतना बेखौफ था कि परिवादी को बोला, ऊपर भगवान और नीचे में हूं...किसी से नहीं डरते।

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पत्रिका न्यूज़ नेटवर्क/जयपुर. एसीबी ने सहकारी समितियां (जयपुर शहर) के उप रजिस्ट्रार देशराज यादव व निरीक्षक अरुण प्रताप सिंह को मंगलवार को 5 लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया। एसीबी के सत्यापन में खुलासा हुआ कि आरोपी उप रजिस्ट्रार रिश्वत लेने में इतना बेखौफ था कि परिवादी को बोला, ऊपर भगवान और नीचे में हूं...किसी से नहीं डरते। गिरफ्तारी के बाद दोनों आरोपियों के आवास व उप रजिस्ट्रार के मिनी सचिवालय और निरीक्षक के टोंक रोड स्थित देव नगर कार्यालय सहित अन्य ठिकानों पर एसीबी की अलग-अलग टीम सर्च करने में जुटी थी। कार्यवाहक डीजी हेमंत प्रियदर्शी ने बताया कि चांदपोल स्थित बाबा हरिशचन्द्र मार्ग निवासी नीलकमल शुक्ला की सिंधु नगर को-ऑपरेटिव सोसायटी है और उसका कार्यालय सहकारी समिति के राजापार्क स्थित पंचवटी सर्कल में किराए से चलता है।
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शुक्ला ने 27 जून को एसीबी में शिकायत दी, जिसमें बताया कि उप रजिस्ट्रार देशराज व निरीक्षक अरुण प्रताप ने 23 जून को उससे 10 लाख रुपए रिश्वत मांगी। नहीं देने पर 24 जून को परिवादी के घर व कार्यालय पर दोनों ने रेड मारी। कार्यालय के दो कमरे सीज कर दिए। कार्रवाई बीच में रोकने की एवज में 5 लाख रुपए उसी समय लिए। आगे कार्रवाई नहीं करने और ऑफिस खाली नहीं करवाने के बदले में 15 लाख रुपए रिश्वत मांग रहे हैं। एएसपी ने बताया कि परिवादी ने बताया कि परिवादी से आरोपी 15 लाख रुपए रिश्वत के और मांग रहे थे। परिवादी ने 5 लाख रुपए अभी और शेष राशि बाद में देने के लिए कहा। तब निरीक्षक को 5 लाख रुपए देना तय हुआ।
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रिश्वत लेने जनता स्टोर पहुंचा
उप रजिस्ट्रार देशराज के कहने पर परिवादी से निरीक्षक अरुण प्रताप ने 5 लाख रुपए मांगे। परिवादी को जनता स्टोर बुलाया। परिवादी वहां पहुंचा तो निरीक्षक खुद की कार से रिश्वत की राशि लेने पहुंचा, तभी एसीबी ने उसे रिश्वत लेते पकड़ लिया।