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आपकी बात: बांग्लादेेश के वर्तमान हालात को लेकर आपके क्या विचार है?

पाठकों ने इस पर विभिन्न प्रतिक्रियाएं दी हैं, प्रस्तुत है पाठकों की चुनिंदा प्रतिक्रियाएं

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जयपुर

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Opinion Desk

Dec 22, 2025

पंथनिरपेक्ष सरकार होनी चाहिए
कट्टरपंथी विचारधारा जब युवाओं के मस्तिष्क पर हावी होती हैं तो एक स्वस्थ लोकतंत्र भी बर्बाद हो जाता हैं। बांग्लादेश को भारत से सीखना चाहिए कि लोकतंत्र और सुशासन की नींव पंथनिरपेक्षता और लोकतांत्रिक गणराज्य होती हैं। विरोध जरूरी होता हैं लेकिन कट्टरपंथ की आड़ में विरोध एक पीढ़ी को बर्बाद कर देता है। शांति व्यवस्था बना कर पुनः स्वस्थ चुनाव आयोजन और पंथनिरपेक्षता पर आधारित लोकतांत्रिक सरकार ही इसका एकमात्र समाधान हैं। - डॉ. राजीव कुमार, जयपुर

युवा शक्ति भटक रही हैं
कहा जाता हैं युवा ही एक देश का भविष्य होते हैं पर बांग्लादेश के हालात देखकर लगता हैं वहां के युवा पूरी तरीके से राह भटक रहा है उनके अंदर सहनशीलता न के बराबर बची हैं, वे हर छोटी-छोटी बातों में आगजनी करने पर उतारू रहने लगे हैं, आखिर ऐसा कितने दिनों तक चलेगा, कुछ ना कुछ तो कदम उठाना ही पड़ेगा। बांग्लादेशी युवाओं में सर्वधर्म समभाव की भावना पैदा करनी होगी क्योंकि उनके कानों में केवल दूसरे धर्म के प्रति जहर भरा जाता है, जिससे वे इतने आक्रामक होकर आगजनी करने पर तैयार हो जाते हैं। - प्रियव्रत चारण, जोधपुर

अल्पसंख्यकों की सुरक्षा होनी चाहिए
बांग्लादेश, जो कभी अपने संघर्ष, बलिदान और लोकतांत्रिक आकांक्षाओं के लिए जाना जाता था, आज एक गंभीर संक्रमण काल से गुजर रहा है। हाल के समय में वहां के राजनीतिक, सामाजिक और आंतरिक हालात न केवल बांग्लादेश की जनता के लिए, बल्कि पूरे दक्षिण एशिया के लिए चिंता का विषय बनते जा रहे हैं। भारत और बांग्लादेश के संबंध ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और भावनात्मक रहे हैं। बांग्लादेश की अस्थिरता का सीधा प्रभाव भारत की सीमा सुरक्षा, सामाजिक संतुलन और क्षेत्रीय शांति पर पड़ सकता है। इसलिए यह विषय केवल बांग्लादेश का आंतरिक मामला कहकर टाला नहीं जा सकता। भारत की सदैव यही नीति रही है कि पड़ोसी देश शांत, स्थिर और समृद्ध हों। बांग्लादेश से भी यही अपेक्षा है कि वह लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करे, अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करे और कट्टरपंथ के विरुद्ध कठोर कदम उठाए। - भरत सराफ, किशनगढ

भारतीयों की सुरक्षा पहले हो
युवक दीपू चंद्र की बर्बर हत्या, बांग्लादेश में चलाए जा रहे भारत विरोधी प्रोपेगंडा और हिंदुओं के साथ हिंसा की बातें चिंतित करती हैं। कट्टरपंथियों बेकाबू होने तथा अराजकता का माहौल हिन्दुओं में दहशत पैदा कर रहा है। वहां की नागरिक अशांति, अव्यवस्था, विरोध प्रदर्शन और आंदोलन का निरंतर खतरा बना होने से भारत के लोगों को यात्रा न करने की आवश्यकता है। हिंदुओं को सरे आम निशाना बनाने तथा सुरक्षा एजेंसियों का मूकदर्शक बनना अराजकता, कट्टरवाद, आतंकवाद, अव्यवस्था को बढ़ावा देने का सबूत बना है। भारत सरकार को भारतीय लोगों की सुरक्षा के लिए हरसंभव कदम उठाने चाहिए। - शिवजी लाल मीना, जयपुर

आमजन की परेशानी चिंताजनक
बांग्लादेश के वर्तमान हालात चिंताजनक और संवेदनशील हैं। राजनीतिक तनाव, आर्थिक दबाव और सामाजिक असंतोष ने आम लोगों की परेशानियां बढ़ाई हैं। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को लेकर सवाल उठ रहे हैं। फिर भी उम्मीद है कि संवाद, संयम और संवैधानिक रास्तों से स्थिरता लौटेगी और जनता के हितों की रक्षा होगी। - सक्षम स्वामी, झालावाड़

निष्पक्ष कार्रवाई आवश्यक
बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता का सीधा असर हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय पर दिखाई दे रहा है। मंदिरों पर हमले और नागरिकों के साथ हिंसा की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। हाल ही में मायमनसिंह में दीपूचंद्र दास की हत्या और उन्हें जला देने की घटना ने गंभीर चिंता पैदा की है। इन घटनाओं से सुरक्षा व्यवस्था और सरकार की भूमिका पर प्रश्न उठ रहे हैं। समय पर निष्पक्ष कार्रवाई आवश्यक है। - विशंभर थानवी, फलोदी

दक्षिण एशिया के लिए चिंताजनक स्थिति
बांग्लादेश के वर्तमान हालात सिर्फ एक देश की आंतरिक समस्या नहीं, बल्कि पूरे दक्षिण एशिया के लिए चेतावनी हैं। राजनीतिक अस्थिरता, सत्ता संघर्ष और बढ़ती हिंसा ने लोकतंत्र की जड़ों को हिला दिया है। आम नागरिक भय और असुरक्षा के माहौल में जीने को मजबूर है, जबकि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और मानवाधिकारों पर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं। आर्थिक मोर्चे पर महंगाई, बेरोजगारी और संसाधनों का असमान वितरण जनता का भरोसा तोड़ रहा है। भारत का पड़ोसी होने के नाते बांग्लादेश की स्थिरता हमारे लिए भी बेहद अहम है। जरूरत है कि वहां लोकतांत्रिक मूल्यों को ताक़त मिले, संवाद की राजनीति आगे बढ़े और सत्ता जनता के हित को प्राथमिकता दे। - राकेश खुडिया, श्री गंगानगर

भारतीय दूतावास की सहायता जरूरी
बांग्लादेश में वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए वहां रह रहे भारतीयों और हिंदू समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करना आवश्यक है। मंदिरों, नागरिकों और व्यापारिक गतिविधियों की रक्षा के लिए भारत और बांग्लादेश की सुरक्षा एजेंसियों के बीच समन्वय होना चाहिए। भारतीय दूतावास की सक्रिय भूमिका अहम है। भारतीय उत्पादों के बहिष्कार पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए। दोनों देशों को मिलकर निष्पक्ष और सुरक्षित माहौल बनाना चाहिए। - मुकेश सोनी, जयपुर, राजस्थान

बांग्लादेश में बदलाव की जरूरत
बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता लंबे समय से एक गंभीर मुद्दा बनी हुई है। सत्तारूढ़ दल और विपक्ष के बीच टकराव से बार बार राजनीतिक संकट पैदा होता रहा है। चुनाव प्रक्रिया और शासन प्रणाली पर अविश्वास के कारण जनआंदोलन तेज होते रहते हैं। इस अस्थिरता का असर अर्थव्यवस्था, निवेश और आम नागरिकों के जीवन पर भी पड़ता है। साथ ही सामाजिक आंदोलनों और युवाओं की भागीदारी से बदलाव की मांग भी तेज हुई है। कुल मिलाकर बांग्लादेश इस समय चुनौतियों और संभावनाओं दोनों के बीच खड़ा नजर आता है। - कृष्णकुमार खीचड़, राजालानाडा

बांग्लादेश के विकास को चुनौती
बांग्लादेश में जारी राजनीतिक उथल-पुथल देश के विकास और स्थिरता के लिए गंभीर चुनौती बनती जा रही है। इसका प्रभाव न केवल आर्थिक प्रगति पर पड़ रहा है, बल्कि सामाजिक सद्भाव और सामान्य जनजीवन भी प्रभावित हो रहा है। राजनीतिक अस्थिरता के कारण सरकारी नीतियों के क्रियान्वयन में बाधा आ रही है और विदेशी निवेश पर भी प्रतिकूल असर पड़ रहा है, जिससे अनिश्चितता का माहौल बन रहा है। हाल के समय में हिंसा, अल्पसंख्यकों, मीडिया समूहों और बुद्धिजीवियों को निशाना बनाए जाने की घटनाएं सामने आई हैं। मानवाधिकारों और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लेकर भी चिंताएं बढ़ी हैं। बांग्लादेश के दीर्घकालिक विकास और प्रगति के लिए एक स्थिर और संतुलित राजनीतिक वातावरण अत्यंत आवश्यक है। - डॉ. अजिता शर्मा, उदयपुर

बांग्लादेशी युवाओं को सकारात्मक होना जरूरी
बांग्लादेश के वर्तमान हालात भारत देश के लिए सही नहीं है। हिंदू युवक की पीट पीट कर हत्या करना दर्शाता है कि वहां रहने वाले अल्पसंख्यक हिन्दुओं की जान जोखिम में है। बांग्लादेश में पाकिस्तान और चीन का बढ़ता प्रभाव भी हमारे देश के हित में नहीं है। दक्षिण एशिया में व्यापार और कनेक्टिविटी के क्षेत्र में भी भारत के साथ बंगलादेश सबसे बड़ा साझेदार है। अब राजनीतिक अस्थिरता, सीमा सुरक्षा पर घुसपैठ और दूसरे देशों का इस जलती आग में हाथ सेकना यह सब चिंतनीय विषय है । हालातों को रोकना बहुत जरूरी है। वहां की युवा पीढ़ी को भी भारत के प्रति नजरिए को पहले की तरह सकारात्मक रूप से देखा जाए तभी शांति हो सकती है। - निर्मला वशिष्ठ, राजगढ़