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समझौता एक्सप्रेस के बाद अब थार एक्सप्रेस पर आशंका के बादल!

locationजयपुरPublished: Aug 09, 2019 01:21:18 am

Submitted by:

vinod vinod saini

जम्मू-कश्मीर (jammu and kashmir) से धारा 370 (article 370) हटाने के बाद पाकिस्तान ने भारत से द्विपक्षीय संबंध (Bilateral Relations) तोडऩे की घोषणा के बाद समझौता एक्सप्रेस (samjhauta express) को रोक दिया गया। ऐसे में अब थार एक्सप्रेस (thar express) के संचालन बंद होने की आशंका बढ़ गई है। इससे राज्य में बड़ी संख्या में रह रहे पाक विस्थापित (Pakistan displaced) परिवारों में ईद (Eid) और रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) पर मायूसी हो सकती है।

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थार एक्सप्रेस (फाइल फोटो)

पश्चिमी राजस्थान में बड़ी संख्या में पाक विस्थापित परिवार

– 1 लाख पाक विस्थापित परिवार बाड़मेर में
– 14 साल से संचालित हो रही है थार एक्सप्रेस
– 4 लाख भारत-पाक यात्री कर चुके यात्रा
– 800 यात्री-जाते आते है हर हफ्ते
जयपुर/बाड़मेर। जम्मू-कश्मीर (jammu and kashmir) से धारा 370 (article 370) हटाने के बाद पाकिस्तान (pakistan) ने बुधवार को भारत से द्विपक्षीय संबंध तोडऩे की घोषणा के बाद गुरुवार को समझौता एक्सप्रेस (samjhauta express) को रोक दिया गया। ऐसे में अब थार एक्सप्रेस (thar express) के संचालन बंद होने की आशंका बढ़ गई है। इससे राज्य में बड़ी संख्या में रह रहे पाक विस्थापित (Pakistan displaced) परिवारों की परेशानी बढ़ सकती है। ईद (Eid) और रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) के त्योहार (Festival) पर मायूसी हो सकती है। हालांकि रेलवे (railway) ने संचालन बंद को लेकर किसी तरह की जानकारी व निर्देश से इनकार किया है।
भारत पाकिस्तान के बीच 18 फरवरी 2006 से चल रही थार रेल में अब तक 4 लाख से अधिक यात्री दोनों ओर से यात्रा कर चुके हैं। बाड़मेर के एक लाख पाक विस्थापित परिवारों का पाकिस्तान से रोटी-बेटी का रिश्ता है। ये परिवार फिक्र में आ गए हैं। 1965 के युद्ध (1965 war) से पहले भारत-पाकिस्तान (India and Pakistan) के बीच में रेल का संचालन जोधपुर से कराची (Jodhpur to Karachi) तक होता था, लेकिन 1965 के युद्ध में रेल पटरियां क्षतिग्रस्त होने और दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण स्थितियां होने से रेलमार्ग को बंद कर दिया गया। 18 फरवरी 2006 को 41 साल बाद इस रेल को पुन: प्रारंभ किया गया।
दोस्ती की रेल
बाड़मेर में 1947 के बाद एक लाख पाक विस्थापित आ चुके हैं। राजस्थान और गुजरात में यह संख्या 8 लाख के करीब है। इतने परिवारों के रिश्तेदार पाकिस्तान में है। बाड़मेर, जोधपुर, जैसलमेर, जालौर, बीकानेर व गुजरात के कच्छ में बसे परिवारों के लिए यह रेल पाकिस्तान आने जाने के लिए एक मात्र साधन रही है। रेल संचालन के बाद रिश्ते फिर से मधुर हुए और बरसों से बिछड़े हुए लोग आपस में मिले। 4 लाख लोगों ने इससे यात्रा की है। हर हफ्ते 700 से 800 भारतीय और पाकिस्तानी इसमें सफर कर रहे है।
यहां से संचालित होती है रेल
जोधपुर के भगत की कोठी से रेल रवाना होती है जो बाड़मेर के मुनाबाव (अंतिम रेलवे स्टेशन) पहुंचती है। जहां अतंरराष्ट्रीय स्तर का रेलवे प्लेटफार्म है। यहां इमीगे्रशन व कस्टम जांच के बाद रेल को रवाना किया जाता है जो बॉर्डर क्रॉस कर जीरो पाइंट (पाकिस्तान) रेलवे स्टेशन पहुंचती है। यहां पर पाकिस्तान की ओर से इमीगे्रशन कस्टम जांच की जाती है। यहां से रेल कराची तक जाती है।
टे्रन समय सारिणी
सप्ताह में एक बार शुक्रवार को रवाना होकर दोनों ओर रविवार को गंतव्य तक पहुंचती है। 381 किलोमीटर का सफर 7 घंटे और 05 मिनट में तय करना निर्धारित है।
ईद और राखी पर हो सकती है मायूसी
थार एक्सप्रेस का संचालन बंद होने की स्थिति में ईद व राखी पर भारत आने-जाने वाले यात्रियों को मायूसी हो सकती है। ट्रेन नहीं चलने पर ईद को लोग आपस में मिल नहीं पाएंगे। वहीं राखी के त्योहार पर भारत-पाक में रहने वाली बहनें भी भाइयों से नहीं मिल पाएंगी।
चिंता बढ़ गई है
जम्मू कश्मीर को लेकर भारत का निर्णय साहसिक है। यह भारत का आंतरिक मामला है, लेकिन पाकिस्तान थार एक्सप्रेस को बंद करने का निर्णय करता है तो इसका असर पाक विस्थापित परिवारों पर पडेग़ा। इन परिवारों के अपने पाक में है, जिनकी फिक्र है।
– डा. बाबूदान, पाक विस्थापित
परेशानी तो होगी
पाकिस्तान में रहने वाले हमारे लोगों पर पहले से ही अत्याचार और ज्यादती है। अब थार एक्सप्रेस बंद होते ही उनकी मुश्किलें बढ़ेगी।
– खीमाराम माली, पाक विस्थापित

थार एक्सप्रेस को लेकर अभी किसी तरह के निर्देश नहीं हैं।
-गोपाल शर्मा, वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी उत्तर पश्चिम रेलव
थार एक्सप्रेस व अन्य किसी तरह को लेकर कोई निर्देश अभी तक नहीं मिला हैं।
हिमांशु गुप्ता, जिला कलेक्टर, बाड़मेर

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