
जयपुर। राजस्थान में सातों विधानसभा सीटों पर उपचुनाव सम्पन्न हो गए हैं। चुनाव परिणाम आ गए हैं। परिणाम आने के बाद राजस्थान विधानसभा में पार्टियों की संख्या का गणित भी बदल गया है। इसमें सबसे ज्यादा फायदा भाजपा व भारत आदिवासी पार्टी को हुआ है, तो सबसे ज्यादा नुकसान कांग्रेस ने झेला है। वहीं राष्ट्रीय लोकतांत्रित पार्टी (रालोपा) का तो नामो-निशान तक मिट गया है।
विधानसभा के उपचुनाव से पहले भाजपा की जहां 114 सीटें थी,वहीं उपचुनाव में पांच सीटें जीती है। ऐसे में अब राजस्थान विधानसभा में भाजपा का आंकड़ा बढकऱ 119 पहुंच गया है। वहीं कांग्रेस 66 सीटों पर ही सिमट गई है।
राजस्थान में यूं तो क्षेत्रीय पार्टियों का बोलबाला ज्यादा नहीं रहा है। लेकिन बीच-बीच में कुछ क्षेत्रीय पार्टियां जरुर अपनी पहचान बना जाती है। इस समय क्षेत्रीय पार्टियों में सबसे बड़ी पार्टी की बात की जाए तो भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) बन गई है। अब भारत आदिवासी पार्टी के राजस्थान विधानसभा में चार विधायक हो गए हैं। वहीं रालोपा के विधायकों का राजस्थान से सूपड़ा साफ हो गया है। इस बार रालोपा की एक सीट खींवसर थी। लेकिन इस उपचुनाव में वह सीट में गंवा दी है। ऐसे में राजस्थान में रालोपा का कोई विधायक नहीं रहा है।
| पार्टी | पहले सीटें | अब सीटें |
|---|---|---|
| भाजपा | 114 | 119 |
| कांग्रेस | 65 | 66 |
| निर्दलीय | 8 | 8 |
| बाप | 3 | 4 |
| बसपा | 2 | 2 |
| आरएलडी | 1 | 1 |
| खाली सीटें | 7 | 0 |
यह तालिका स्पष्ट रूप से उपचुनाव से पहले और बाद में विभिन्न पार्टियों की सीटों में हुए बदलाव को दर्शाती है।
Updated on:
23 Nov 2024 08:33 pm
Published on:
23 Nov 2024 08:31 pm
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