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Kotputali : पशुपालकों के लिए अलर्ट जारी, गर्मी में लापरवाही पड़ सकती है भारी

कोटपूतली-बहरोड़ जिले में मई-जून की तपती धूप में जहां आमजन बेहाल हैं वहीं पशुओं के लिए भी यह मौसम जानलेवा भी साबित हो सकता है। गर्म हवाओं और अत्यधिक तापमान के कारण पशुओं में हीट स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। पशुपालन विभाग ने इसे लेकर पशुपालकों के लिए खास एडवाइजरी जारी की है।

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जयपुर

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Murari

May 17, 2025

- हीट स्ट्रोक बन सकता है पशुओं की जान का दुश्मन, पशुपालन विभाग ने जारी की एडवाइजरी

- धूप से बचाव, ठंडा पानी और हरा चारा बनेंगे जीवन रक्षक उपाय

जयपुर। कोटपूतली-बहरोड़ जिले में मई-जून की तपती धूप में जहां आमजन बेहाल हैं वहीं पशुओं के लिए भी यह मौसम जानलेवा भी साबित हो सकता है। गर्म हवाओं और अत्यधिक तापमान के कारण पशुओं में हीट स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। पशुपालन विभाग ने इसे लेकर पशुपालकों के लिए खास एडवाइजरी जारी की है। उपनिदेशक डॉ. हरीश कुमार गुर्जर ने बताया कि लू लगने से पशु बेचैन हो जाते हैं, भूख कम कर देते हैं और दूध उत्पादन या काम करने की क्षमता भी घट जाती है। कई बार पशु बेहोश हो जाते हैं या उनकी जान भी जा सकती है।

हीट स्ट्रोक के मुख्य लक्षण

डॉ. हरीश कुमार गुर्जर ने बताया कि अत्यधिक गर्मी में पशु जब अधिक समय तक सीधी धूप या गर्म हवा के संपर्क में रहते हैं तो उन्हें लू लगने का खतरा होता है। पशु हांफना शुरू कर देता है और तेज बुखार हो जाता है। और भी लक्षणों जैसे मुँह से लार गिरना, बेचैनी व भूख में कमी, अत्यधिक प्यास लगना लेकिन मूत्र में कमी, दिल की धड़कन धीमी होना, आफरा (गैस भरना) की स्थिति आदि हो जाती है।

गर्मी में पशुओं को ऐसे रखें सुरक्षित

पशुपालक अपने पशुओं को सीधी धूप से बचाते हुए ठंडी जगह,छायादार स्थान या हवादार छप्पर में रखें। पशुशाला में जूट की टाट लगाकर ठंडा रखें व पंखे, कूलर का उपयोग करें। दिन में 4 बार शीतल व स्वच्छ पानी पिलाएँ। संतुलित आहार और हरा चारा सुबह-शाम खिलाने की आदत बनाएं। सुबह-शाम के समय ही पशु चराएं या अन्य कार्य में लगाएं। गंभीर स्थिति में तुरंत पशु चिकित्सा केंद्र या 1962 पर संपर्क करें।

विशेष सलाह व अपील

उपनिदेशक पशुपालन विभाग डाॅ हरीश कुमार गुर्जर ने पशुपालकों को विशेष सलाह देते हुए बताया कि ग्रीष्म ऋतु में अजोला घास और जौ, गेहूं का चोकर मिलाकर पशुओं को आहार चारा देना चाहिए। यह न सिर्फ ठंडक देता है बल्कि पशुओं को पोषण भी प्रदान करता है। पशुपालकों से अपील की है कि वे समय रहते आवश्यक सतर्कता बरतें ताकि गर्मी में उनके पशु सुरक्षित, स्वस्थ और उत्पादक बने रहें। थोड़ी सी सावधानी और जागरूकता से अपने मवेशियों को गर्मी के गंभीर असर से बचा सकते हैं। यह न सिर्फ पशुओं की जान बचाएगा बल्कि उनके उत्पादक जीवन को भी बनाए रखेगा।