Nirmal Chaudhary News: पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष और छात्र नेता निर्मल चौधरी की परेशानी कम होने की जगह बढ़ती नजर आ रही है। निर्मल चौधरी समेत आठ लोगों के खिलाफ जयपुर के एसएमएस पुलिस थाने में केस दर्ज किया गया है। यह केस जोधपुर के रेजीडेंट डॉक्टर राकेश विश्नोई की मौत से संबंधित है। राकेश को न्याय दिलाने के लिए चौधरी और अन्य लोगों ने मुर्दाघर के बाहर प्रदर्शन किया था, इस कारण अस्पताल संबधी कार्यों में परेशानी हुई थी। पुलिस अधिकारियों के मना करने के बाद भी वे लोग वहां से नहीं हटे थे और प्रदर्शन को बढ़ाया था। इस मामले में अब चौधरी के खिलाफ शनिवार को एसएमएस पुलिस थाने के थानाअधिकारी ने केस दर्ज कराया है। मामले की जांच मोती डूंगरी थाना पुलिस को दी गई है।
दरअसल अस्पताल कैंपस में स्थित मुर्दाघर के नजदीक बुधवार को निर्मल चौधरी और अन्य लोगों ने मृतक डॉक्टर राकेश विश्रोई की मौत को लेकर धरना दिया था । इस दौरान राकेश के परिजन भी साथ थे। इस धरने में सांसद हनुमान बेनीवाल भी शामिल हुए थे। बाद में प्रशासन से वार्ता होने के बाद धरना समाप्त कर दिया गया था। लेकिन इस दौरान निर्मल चौधरी और कुछ अन्य नेताओं की पुलिस अधिकारियों से तीखी नोंकझोक हुई थी।
दर्ज एफआईआर में बताया गया कि धरना दोपहर 1.30 बजे शुरू हुआ और शाम 6 बजे तक लगातार मुख्य सड़क को अवरुद्ध रखा गया, जिससे जेएलएन मार्ग की ओर जाने वाले मरीज, एंबुलेंस और आमजन बुरी तरह फंस गए। अस्पताल की इमरजेंसी सेवाओं में बाधा आई और गंभीर मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिल सका। कई बार पुलिस और प्रशासन ने समझाइश की, लेकिन धरने पर बैठे लोग हटने को तैयार नहीं हुए।
पुलिस ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने बिना अनुमति सड़क पर टेंट लगाकर धरना दिया और मुख्य मार्ग को पूरी तरह बाधित किया। ये लोग डॉक्टर विश्रोई की मौत के मामले में न्याय की मांग को लेकर एकत्रित हुए थे। धरने का नेतृत्व डॉ. श्रवण चौधरी और निर्मल चौधरी कर रहे थे। इनके साथ 300 से अधिक लोग मौजूद थे। धरने के चलते ट्रैफिक पुलिस को कई बार रूट डायवर्ट करने पड़े। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए मौके पर कानून व्यवस्था संभालने के लिए एसीपी लेवल के अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई। पुलिस ने बीएनएस की धारा 285 के तहत मामला दर्ज कर लिया है। इस मामले में निर्मल चौधरी, डॉक्टर श्रवण चौधरी, सोहन जांगिड़, कुलदीप चारण, अनिल चोपड़ा, विनोद, शोयेब खान, जय राव और विकास चौधरी के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
सार्वजनिक मार्ग या सड़क पर अतिक्रमण करना, रोकना या अवरूद्ध करना इस धारा के तहत आता है। अक्सर दुकानों के बाहर अतिक्रमण कर अपना सामान रखने वाले दुकानदारों के खिलाफ भी इसी धारा में केस दर्ज किया जाता है। इस धारा में सजा का प्रावधान नहीं है, हांलाकि पांच हजार रुपए का जुर्माना वसूला जाता है। यह धारा सार्वजनिक सुरक्षा से संबधित है।
Published on:
22 Jun 2025 10:31 am