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Assembly Election 2023: राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ चुनाव की राह पर…वादे-दावे अपनी जगह…जन के मन में क्या?

Assembly Election 2023: तापमान का पारा चढ़ने के साथ देश के अधिकांश हिस्से गर्मी में तपने शुरू हो गए हैं। कर्नाटक का राजनीतिक पारा भी इन दिनों चरम पर है। दस दिन बाद विधानसभा चुनाव जो होने हैं। यहां मतदान के लिए 10 दिन का. समय बचा है।

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Assembly Election 2023: पत्रिका इलेक्शन डेस्क/जयपुर/भोपाल/रायपुर। तापमान का पारा चढ़ने के साथ देश के अधिकांश हिस्से गर्मी में तपने शुरू हो गए हैं। कर्नाटक का राजनीतिक पारा भी इन दिनों चरम पर है। दस दिन बाद विधानसभा चुनाव जो होने हैं। यहां मतदान के लिए 10 दिन का. समय बचा है। नतीजे 13 मई को आएंगे और पता चल जाएगा कि मतदाताओं ने अगले पांच साल के लिए किस राजनीतिक दल अथवा गठबंधन पर भरोसा जताया है। कर्नाटक में सरकार बनते ही राजनीतिक दलों का पूरा ध्यान राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ पर सिमटने वाला है।

ये वही तीनों राज्य हैं जहां कांग्रेस सत्ता की दौड़ में शामिल रहती है। पिछली बार तीनों राज्यों से भाजपा को बेदखल कर कांग्रेस ने यहां सरकार बनाई थी। राजस्थान और छत्तीसगढ़ में तो 52 महीनों से कांग्रेस सरकारें चल तो रही हैं. मगर हिचकोले खाती हुई।. राजस्थान में तो एक बार सरकार पर संकट के घने बादल गहरा गए थे। मध्यप्रदेश में पिछली बार कांटे की लड़ाई में जीतकर सरकार बनाने वाली कांग्रेस ने आपसी कलह के चलते सवा साल में ही अपनी सत्ता गंवा दी थी। इसके बाद भाजपा 37 महीने से मध्यप्रदेश में सरकार चला रही है। तीनों राज्यों में राजनीतिक उठापटक के बीच सरकारों और राजनीतिक दलों के अपने-अपने दावे हैं। सभी प्रमुख दल तीनों राज्यों में अलग-अलग तरह से अपनी जीत सुनिश्चित बता रहे हैं। मतदाता भी पिछले चुनाव से पहले के वादों व आज के दावों को परख रहा है। तीनों राज्यों में महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, अवैध खनन, अस्थिरता और कानून व्यवस्था बड़े मुद्दे हैं, तो अलग-अलग राज्यों में स्थानीय मुद्दे भी चर्चा का विषय बने हुए हैं।

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7 महीने में होंगे अनेक उतार-चढ़ाव
क्या चर्चाएं चुनावी मुद्दों में तब्दील होगी या फिर चुनाव के समय मुद्दे कुछ और बनेंगे? चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों का अपना नजरिया है तो मतदाताओं की अपनी सोच । चुनाव में अभी सात महीने का समय है। इन सात महीनों में शेयर बाजार की तरह राजनीति में भी अनेक उतार-चढ़ाव देखने को मिलेंगे। हर बार की तरह इस बार भी चुनाव से पहले दलबदल, बगावत और रूठने-मनाने का सिलसिला भी चलेगा।

राजस्थान - फ्लैश बैक (2018)
................

मतदान : 07 दिसम्बर
मतदान प्रतिशत : 74.06


किसको--क्या--मिला
कांग्रेस-भाजपा-अन्य
100--73--27

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इस बार के मुद्दे
-महंगाई
-बेराजगारी
-राजनीतिक अस्थिरता
-भ्रष्टाचार
-पेपरलीक
-कानून व्यवस्था
-अवैध खनन
-ईआरसीपी

-खास : 20 साल का राजनीतिक इतिहास
-10 साल कांग्रेस राज
-10 साल भाजपा शासन
...................

मध्यप्रदेश फ्लैश बैक (2018)
मतदान तिथि : 28 नवम्बर
मतदान प्रतिशत : 74.97

-किसको क्या मिला
-कांग्रेस-भाजपा-अन्य
114-109-07


-इस बार के मुद्दे
-महंगाई
-भ्रष्टाचार
-कानून व्यवस्था
-बेरोजगारी
-अवैध खनन

खास : पिछले 20 साल का इतिहास
-18 साल भाजपा राज
-02 साल कांग्रेस शासन
.....................

-छत्तीसगढ़ फ्लैश बैक (2018)
-मतदान तिथि : 12 व 20 नवम्बर
-मतदान प्रतिशत : 76.45

-किसको क्या मिला
कांग्रेस-भाजपा-अन्य
68-15-07

इस बार के मुद्दे

-महंगाई
-भ्रष्टाचार
-बेरोजगारी
-अवैध खनन
-नक्सल हिंसा
-कानून व्यवस्था,
-शराबबंदी

-खास
-15 साल भाजपा राज
-05 साल कांग्रेस शासन
......................

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