Assembly Election 2023: लोकतंत्र के उत्सव के बीच शहर की सफाई व्यवस्था भगवान भरोसे है। जयपुर ग्रेटर और हैरिटेज नगर निगम के 7 हजार से अधिक कार्मिकों की विधानसभा चुनावों में ड्यूटी लग गई है। इनमें 5500 से अधिक सफाईकर्मी भी शामिल है।
जयपुर। लोकतंत्र के उत्सव के बीच शहर की सफाई व्यवस्था भगवान भरोसे है। जयपुर ग्रेटर और हैरिटेज नगर निगम के 7 हजार से अधिक कार्मिकों की विधानसभा चुनावों में ड्यूटी लग गई है। इनमें 5500 से अधिक सफाईकर्मी भी शामिल है, जिन्हें दोनों नगर निगमों ने रिलीव भी कर दिया है, इसका असर शहर की सफाई व्यवस्था पर पड़ गया है। दिवाली के त्योहार पर भी शहर में कचरे के ढेर लगे रहे। अब विधानसभा चुनावों तक शहर की सफाई व्यवस्था चौपट रहेगी।
जयपुर ग्रेटर में करीब 3500 से अधिक कार्मिकों की चुनावी ड्यूटी लगाई गई बताते है। इनमें 2400 से अधिक सफाई कर्मचारी शामिल है। इसके अलावा 150 सफाई निरीक्षक और 15 मुख्य सफाई निरीक्षकों की भी चुनावों में ड्यूटी लगा दी गई है। जबकि हैरिटेज नगर निगम में 2800 से अधिक सफाई कर्मचारियों की चुनावों में ड्यूटी लगा दी गई है। इसके अलावा 100 सफाई निरीक्षक और 14 सीएसआई की भी चुनावों में ड्यूटी लगाई है। इनके अलावा अन्य कार्मिकों की भी चुनावों में ड्यूटी लगाई गई है। दोनों नगर निगमों से सफाई कर्मचारियों को रिलीव भी कर दिया है।
न सफाई, न मॉनिटरिंग
दोनों नगर निगमों ने अपने सफाई कर्मचारियों को चुनावी ड्यूटी के लिए रिलीव कर दिया है। सभी सफाई कर्मचारियों को हैल्पर के काम में लगाया गया बताते है। ऐसे में शहर में सफाई कार्य प्रभावित हो रहा है। वहीं सफाई की मॉनिटरिंग के लगे 279 सफाई निरीक्षकों व मुख्य सफाई निरीक्षकों को भी चुनावी ड्यूटी में लगा दिया गया है। इससे न सफाई हो रही न सफाई व्यवस्था की मॉनिटरिंग हो पा रही है।
गली—गली कचरे के ढेर
शहर में सफाई व्यवस्था चौपट नजर आ रही है। शहर में 3500 से अधिक कचरा डिपो बन गए है। दिवाली के त्योहार पर भी शहर से कचरा नहीं उठा, ऐसे में पहली बार दिवाली पर जगह—जगह कचरे के ढेर लग गए। दिवाली से पहले के कचरे के ढेर बुधवार को भी नहीं उठे। इससे आसपास के लोग परेशान हो रहे है।
जलदाय विभाग के 50 फीसदी कार्मिकों की भी ड्यूटी
जलदाय विभाग के कार्मिकों की भी चुनावी ड्यूटी लगा दी गई है। जलदाय विभाग के अफसरों की मानें तो करीब 50 फीसदी कार्मिकों की चुनावों में ड्यूटी लगी है। इससे पेयजल आपूर्ति व्यवस्था की मॉनिटरिंग नहीं होने से समस्या भी बढ़ती जा रही है। सबसे अधिक समस्या ट्यूबवेल पेयजल आपूर्ति के साथ टेंकर सप्लाई नहीं होने की आ रही है। हालांकि विभाग के अतिरिक्त मुख्य अभियंता अजय सिंह राठौड़ ने एक आदेश जारी सभी अभियंताओं को कार्यालय में उपस्थित रहने के निर्देश जारी किए है।