25 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

क्रूड ऑयल चोरी: क्रूड ऑयल के परिवहन में टैंकर लगवाने को लाखों की सौदेबाजी

स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने बाड़मेर के क्रूड ऑयल की चोरी के मामले में अनुसंधान करके सात आरोपित गिरफ्तार किए हैं।

2 min read
Google source verification
crude oil

crude oil

जयपुर। स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने बाड़मेर के क्रूड ऑयल की चोरी के मामले में अनुसंधान करके सात आरोपित गिरफ्तार किए हैं। एक छह आरोपित जेल से प्रॉडेक्शन वारंट पर और एक आरोपित एसओजी ने छानबीन के बाद गिरफ्तार किया है। आरोपितों से पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। एसओजी की पूछताछ में सातों आरोपितों ने खुलासा किया है कि क्रूड ऑयल के परिवहन का ठेका लेने वाली ट्रांसपोर्ट कम्पनी के अधिकारियों को हर टैंकर का मालिक एक से सवा लाख रुपए बस इसलिए देता था कि कम्पनी उसके टैंकर को क्रूड ऑयल के परिवहन में लगाए रखे। क्योंकि परिवहन से ज्यादा टैंकर मालिक की कमाई क्रूड ऑयल की चोरी में मिलने वाली हिस्सेदारी से होती थी।

एसओजी एसपी संजय क्षोत्रिय ने बताया कि क्रूड ऑयल चोरी मामले में जेल गए गौतम सिंह राजपुरोहित, आडूराम, हुकमाराम, पर्वतसिंह, ओमप्रकाश और प्रमोद को प्रॉडेक्शन वारंट पर गिरफ्तार किया है। अनुसंधान के बाद टैंकर मालिक रावताराम को गिरफ्तार किया है। वह टैंंकर का चालक भी है। आरोपितों क्रूड ऑयल की चोरी के बारे में पूछताछ की जा रही है। जल्द ही अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी हो सकती है।

दोनों ट्रांसपोर्ट कम्पनी संदेह के दायरे में
एसओजी के मुताबिक, बाड़मेर में क्रूड ऑयल के 220 कुंए हैं। जिनमें से 200 कुओं से पाइप से क्रूड ऑयल निकलता है और २० कुओं से अभी भी मैनुअली क्रूड ऑयल निकाला जाता है। चोरी भी इन्हीं 20 कुओं से निकलने वाले क्रूड ऑयल की हुई है। क्योंकि दो-दो साल का इन कुओं से निकलने वाले क्रूड ऑयल के परिवहन का ठेका दो ट्रांसपोर्ट कम्पनी को ही बदल-बदल कर मिलता था। छानबीन में यह भी बात सामने आई है कि परिवहन का ठेका लेने वाली ट्रांसपोर्ट कम्पनी कोइ भी हो लेकिन कई टैंकर एेसे होते थे, जो दोनों के लिए काम करते थे। इसलिए परिवहन की टैंडर प्रक्रिया में लगे अधिकारी भी संदेह के दायरे में हैं।

हर जिम्मेदार की जेब की गरम
एसओजी के मुताबिक, क्रूड ऑयल की चोरी 2008 से हो रही है। इस मामले में क्रूड ऑयल के कुओं से लेकर उनके परिवहन की निगरानी में लगे अधिकारी भी बराबर के भागीदार हैं। टैंकर के चालक उन्हें प्रति टैंकर के हिसाब से जेब करते थे। इस खेल में सर्वेयर से लेकर बिजीलेंस, माप-तौल, चैकिंग और अन्य जिम्मेदार अधिकारियों को रुपया जाता था। इसलिए ही तो इतने दिनों से यह खेल सभी की नजर से बचा हुआ था।

ये भी पढ़ें

image