6 फ्लाईओवर और 40 छोटे पुलों का होगा निर्माण
करीब 100 किलोमीटर के हाईवे में 6 फ्लाईओवर और 40 छोटे पुलों का निर्माण होगा। पहले पैकेज में इस नेशनल हाइवे की लगभग 50 किलोमीटर लम्बाई को 380.29 करोड़ रूपये तथा दूसरे पैकेज में शेष 50 किलोमीटर लम्बाई को 341.33 करोड़ रूपये व्यय कर विकसित किया जाएगा। फोर लेन में पेव्ड शॉल्डर भी बनाया जाएगा।
दुर्घटनाओं में आएगी कमी
इस हाइवे के विकसित होने से के बाद हादसों में कमी आने की संभावना है। इस मार्ग पर कई ब्लैक स्पॉट है। जहां पर वाहनों की गलत ओवरटेकिंग होने से हादसे होते हैं। इस मार्ग पर अहमदाबाद की तरफ से सिक्सलेन पर होकर आ रहे वाहनों की भारी तादाद से यातायात का अत्यधिक दबाव रहता है। साथ ही अजमेर—ब्यावर सिक्सलेन होकर आने वाले भारी वाहनों का भी दबाव रहता है। ब्यावर एवं गौमती से निकलते ही मेगा हाइवे शुरू हो जाता है। ऐसे में संकरे एवं असुरक्षित मार्ग पर भारी व यात्री वाहनों की सघन आवाजाही होने एवं मार्बल मण्डी राजसमंद से किशनगढ़ तक ओवरलोड लदान ले जाते ट्रोले आदि से हमेशा हादसे की आशंका रहती है। हाईवे का विस्तार हो जाने से दिल्ली से जयपुर, अजमेर, ब्यावर, उदयपुर और अहमदाबाद तक यातायात सुगम हो जाएगा।
इस हाइवे के विकसित होने से के बाद हादसों में कमी आने की संभावना है। इस मार्ग पर कई ब्लैक स्पॉट है। जहां पर वाहनों की गलत ओवरटेकिंग होने से हादसे होते हैं। इस मार्ग पर अहमदाबाद की तरफ से सिक्सलेन पर होकर आ रहे वाहनों की भारी तादाद से यातायात का अत्यधिक दबाव रहता है। साथ ही अजमेर—ब्यावर सिक्सलेन होकर आने वाले भारी वाहनों का भी दबाव रहता है। ब्यावर एवं गौमती से निकलते ही मेगा हाइवे शुरू हो जाता है। ऐसे में संकरे एवं असुरक्षित मार्ग पर भारी व यात्री वाहनों की सघन आवाजाही होने एवं मार्बल मण्डी राजसमंद से किशनगढ़ तक ओवरलोड लदान ले जाते ट्रोले आदि से हमेशा हादसे की आशंका रहती है। हाईवे का विस्तार हो जाने से दिल्ली से जयपुर, अजमेर, ब्यावर, उदयपुर और अहमदाबाद तक यातायात सुगम हो जाएगा।