19 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

स्कूलों में बजी घंटी, शिक्षकों के बंधी घंटी

सरकारी पाठशालाओं में मंगलवार को प्रवेशोत्सव की घंटी बजने के साथ ही शिक्षकों को लक्ष्य की चिंता सताने लगी है।

2 min read
Google source verification

image

Bhola Nath Shukla

May 13, 2015

सरकारी पाठशालाओं में मंगलवार को प्रवेशोत्सव की घंटी बजने के साथ ही शिक्षकों को लक्ष्य की चिंता सताने लगी है। निदेशालय ने उनको प्रवेशोत्सव के दौरान पांच बच्चों के प्रवेश का लक्ष्य दे रखा है। जिले मेंकार्यरत शिक्षकों की संख्या के हिसाब से अगर सभी ने तय लक्ष्य पूरा किया तो इस बार 44 हजार से अधिक बच्चों का सरकारी विद्यालयों में नामांकन हो जाएगा।
वैसे यह आंकड़ा छूने में संशय ही है। क्योंकि सामान्य स्थिति में इतना नामांकन सरकारी स्कूलों में नहीं बढ़ता। एक परेशानी यह भी रहेगी कि कई विद्यालयों के शिक्षक तो इलाके व आसपास स्कूल नहीं होने जैसी स्थिति के चलते तय से अधिक नामांकन करवा सकते हैं। मगर कुछ विद्यालयों को तो लक्ष्य के अनुरूप नामांकन में ही पसीना आ सकता है। हालांकि लक्ष्य के दृष्टिगत शिक्षा विभाग ने प्रवेशोत्सव के दौरान विभिन्न तरह की गतिविधियों के आदेश दे रखे हैं ताकि उनके जरिए नामांकन बढ़ाया जा सके।

पूर्ति में आएगा पसीना
जानकारी के अनुसार एकीकरण के बाद जिले में प्रारंभिक तथा माध्यमिक शिक्षा के 1400 से अधिक विद्यालय संचालित हैं। इनमें लगभग 8965 शिक्षक कार्यरत हैं। अगर एक शिक्षक पांच बच्चों के प्रवेश का लक्ष्य पूरा करे तो कुल 44825 विद्यार्थियों का नामांकन सरकारी पाठशालाओं में हो सकेगा।

प्रचार पर जोर
शिक्षा विभाग ने संस्था प्रधानों को यह आदेश भी दिया है कि वे अपने स्कूल का अधिकाधिक प्रचार करे ताकि निजी स्कूलों से टक्कर ली जा सके। इसके लिए होर्डिंग्स लगवाए जाए। प्रचार के लिए पेम्फलेट बंटवाए जाए। इसके लिए पैसे का प्रबंध छात्र विकास कोष से किया जाए। बाद में इसका पुनर्भरण शिक्षा विभाग की ओर से किया जाएगा। प्रचार सामग्री में शिक्षकों की योग्यता तथा अन्य सुविधाओं की जानकारी देने को कहा गया है। इसके अलावा जन प्रतिनिधियों तथा भामाशाह का सहयोग लेकर स्कूल में सुविधाओं का विस्तार करने का निर्देश दिया गया है।