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Baljeet Yadav: ED रेड के बाद पूर्व विधायक बलजीत यादव का बयान आया सामने, कह दी ये बड़ी बात

ED Raid On Baljeet Yadav: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी खत्म होने के बाद अब बहरोड़ के पूर्व विधायक बलजीत यादव का बड़ा बयान सामने आया है।

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Baljeet Yadav

ED Raid On Baljeet Yadav: जयपुर। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी खत्म होने के बाद अब बहरोड़ के पूर्व विधायक बलजीत यादव का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि उनके यहां से एक रुपए की भी जब्ती नहीं हुई है। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि छापेमारी के दौरान कई अहम दस्तावेज और अन्य प्रमाण बरामद किए गए हैं।

ईडी की छापेमारी पर पूर्व विधायक बलजीत यादव ने शनिवार को कहा कि मेरे आवास से एक रुपए की भी जब्ती नहीं हुई है। कोई दस्तावेज या ज्वैलरी भी जब्त नहीं हुई है। यादन ने कहा कि मैं नियम विरुद्ध कोई काम नहीं करता हूं, हम सिर्फ अभिशंषा करते हैं। काम करने की जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होती है।

बलजीत यादव बोले- डरने की कोई बात नहीं

पूर्व विधायक बलजीत यादव ने कहा कि जांच एजेंसियों को सर्च करने का पूरा अधिकार है। किसी भी गलत चीज से बलजीत यादव का कोई लेना देना कभी नहीं रहा है। ईडी की इस कार्रवाई से डरने की कोई बात नहीं है। हक और अधिकारों की लड़ाई जारी रखेंगे।

एक साथ 10 ठिकानों पर पडी थी रेड

बता दें कि जयपुर, दौसा और अलवर जिले में पूर्व विधायक बलजीत यादव के 10 ठिकानों पर ईडी ने शुक्रवार को एक साथ छापेमारी की थी। जयपुर में 8, दौसा और अलवर में एक-एक ठिकानों पर ईडी की टीम ने दस्तावेज और डिजिटल उपकरणों की जांच की। जयपुर के अजमेर रोड स्थित ज्ञान विहार इलाके में उनके आवास और अन्य प्रतिष्ठानों पर भी छापे मारे गए थे। वे ट्रांसपोर्ट कारोबार से जुडे़ हुए हैं। छापेमारी के दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और अन्य प्रमाण बरामद किए गए हैं।

इसलिए ईडी ने की कार्रवाई

बलजीत यादव और उनकी फर्म पर सरकारी परियोजनाओं में घटिया सामग्री की आपूर्ति करने का आरोप है। इस मामले में पहले से ही शिकायत दर्ज थी, जिसके तहत यह कार्रवाई की गई है। ईडी द्वारा यह कदम धनशोधन रोकथाम अधिनियम के तहत उठाया गया है।

बताया जा रहा है कि बलजीत यादव की फर्म ने विभिन्न सरकारी परियोजनाओं के लिए आवश्यक सामग्री की आपूर्ति में अनियमितताएं की थीं। इसमें नकली बिलिंग, ठेकेदारों के साथ मिलीभगत और घटिया गुणवत्ता की सामग्री की सप्लाई जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं। शिकायत के अनुसार, इससे सरकारी खजाने को भारी नुकसान पहुंचा। इसे लेकर पिछले दिनों एफआइआर भी दर्ज की गई थी।

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332 करोड़ के घोटाले का आरोप

दरअसल, पूर्व विधायक और उनसे जुड़े कुछ लोगों पर आरोप है कि इनकी कुछ कंपनियों ने सरकारी स्कूल में विधायक कोष से सामान की आपूर्ति में बड़ा घोटाला किया था। कंपनियों ने सरकारी स्कूल में क्रिकेट का सामान वितरित किया था, जिसमें 332 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ था।

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