29 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

NEET 2022 बायोलॉजी: 12वीं के बाद ये कॅरियर ऑप्शन भी चुन सकते हैं…

बायोलॉजी के स्टूडेंट्स 12वीं के बाद नीट की परीक्षा में शामिल होते हैं। यह भी एक बेहतर विकल्प है, लेकिन कई ऐसे ऑप्शन भी हैं जिन पर गौर किया जा सकता है। बायोलॉजी से जुड़ी कई ऐसे फील्ड हैं, जिनमें कैंडिडेट्स की डिमांड बढ़ रही हैं। जानिए, बायोलॉजी के स्टूडेंट्स के पास 12वीं के बाद क्या विकल्प मौजूद हैं...

2 min read
Google source verification
medical, medical course, pharmcy, engineering course, education news in hindi, education, RCB, M.Pharma, Chemistry, Biology, MBBS, M.Sc., Career Courses

medical, medical course, pharmcy, engineering course, education news in hindi, education, RCB, M.Pharma, Chemistry, Biology, MBBS, M.Sc., Career Courses

बायोलॉजी के स्टूडेंट्स 12वीं के बाद नीट की परीक्षा में शामिल होते हैं। यह भी एक बेहतर विकल्प है, लेकिन कई ऐसे ऑप्शन भी हैं जिन पर गौर किया जा सकता है। बायोलॉजी से जुड़ी कई ऐसे फील्ड हैं, जिनमें कैंडिडेट्स की डिमांड बढ़ रही हैं। जानिए, बायोलॉजी के स्टूडेंट्स के पास 12वीं के बाद क्या विकल्प मौजूद हैं...

1. माइक्रोबायोलॉजी
माइक्रोबायोलॉजी के तहत सूक्ष्मजीवों की स्टडी की जाती है। तकनीक और इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप के कारण यह फील्ड पहले से बेहतर हुआ है। माइक्रोबायोलॉजी की खास बात यह भी है कि इस विषय के जरिए कॅरियर के लिए कई ऑप्शन मिलते हैं। जैसे-

इम्युनोलॉजिस्ट: एक इम्युनोलॉजिस्ट शरीर में रोगों से लड़ने वाले इम्यून सिस्टम की स्टडी करता है और उसके मुताबिक वैक्सीन को तैयार करने में मदद करता है।

वायरोलॉजिस्ट: माइक्रोबायोलॉजी की स्टडी करने के बाद एक वायरस विशेषज्ञ बनने की राह खुल जाती है। नई बीमारियों के पनपने के साथ वायरोलॉजिस्ट की डिमांड बढ़ रही है।

फूड साइंटिस्ट: खाने की सुरक्षा, क्वालिटी और फूड प्रोडक्ट की प्रोसेसिंग में एक फूड साइंटिस्ट की अहम भूमिका होती है। फूड की क्वालिटी को मेंटेन करने में फूड साइंटिस्ट मदद करते हैं।

2. ईकोलॉजी
सा इंस स्ट्रीम से जुड़ा यह ऐसा कॅरियर ऑप्शन है, जिसके बारे में कैंडिडेट्स कम दिलचस्पी दिखाते हैं। एक ईकोलॉजिस्ट का काम ईकोसिस्टम में बायोडाइवर्सिटी को जानना और पर्यावरण पर इनके असर को समझना है। एक ईकोलॉजिस्ट के पास कई विकल्प होते हैं, जैसे-

एयर क्वालिटी इंजीनियर: अलग-अलग तरीकों और डिवाइस की मदद से वायु प्रदूषण का पता लगाना और इस पर नजर बनाए रखना भी एयर क्वालिटी इंजीनियर का ही काम है।

फोरेस्टर: जंगल और अधिक लकड़ी वाले क्षेत्रों की देखरेख करने की जिम्मेदारी एक फोरेस्टर की होती है। इसके अलावा इनकी सुरक्षा, विकास और संरक्षण का काम एक फोरेस्टर के जिम्मे होता है।

लैंडस्केप आर्किटेक्ट: ऐसे इंफ्रास्ट्रक्चर की प्लानिंग करना जो प्राकृतिक पर्यावरण को बढ़ावा दे सके, यह काम एक लैंडस्केप आर्किटेक्ट का होता है।

3. बॉटनी में कॅरियर

बॉ टनी के तहत पौधों का अध्ययन किया जाता है। इस विषय से पढ़ाई करके कई कॅरियर ऑप्शंस के लिए रास्ते खुल जाते हैं। जैसे-

आर्बोरिस्ट: इसके तहत पेड़-पौधों और झाड़ियों की पैदावार पर नजर रखी जाती है और स्टडी की जाती है।

फ्लोरिस्ट: फूलों की खेती करना, इन्हें व्यवस्थित रखना और बेचना एक फ्लोरिस्ट का काम होता है।

फार्म मैनेजर: बॉटनी से स्टडी के बाद एक फार्म मैनेजर की तरह भी काम कर सकते हैं। इनका काम फार्म का सुपरविजन करना है।

4. बायोकेमेस्ट्री

बायोकेमेस्ट्री में पढ़ाई करने के बाद कॅरियर के ये विकल्प मिलते हैं-

फॉरेंसिक बायोलॉजिस्ट: डीएनए की जांच करना और क्रिमिनल इंवेस्टिगेशन में मदद करना एक फॉरेंसिक बायोलॉजिस्ट का काम है।

एंडोक्राइनोलॉजिस्ट: हार्मोंस व इससे जुड़ी बीमारियों को समझना ही एंडोक्राइनोलॉजिस्ट का काम होता है।

5. मरीन बायोलॉजीम रीन बायोलाजी के तहत समुद्री जीवों और वहां के ईकोसिस्टम की स्टडी की जाती है। इस फील्ड में ये ऑप्शन मिलते हैं...

नेचुरल रिसोर्स टेक्निशियन: प्राकृतिक सम्पदाओं की मॉनिटरिंग करना इस विशेषज्ञ का काम होता है।

फिश कल्चरिस्ट: मछलियों की संख्या को बढ़ाना, इनके ट्रांसपोर्ट और डिस्ट्रीब्यूशन पर नजर रखना एक फिश कल्चरिस्ट का काम होता है।

ये याद रखें :

बायोलॉजी में कॅरियर बनाने के लिए इन विकल्पों को चुनतेे समय अपने इंस्ट्रेस्ट को भी ध्यान में रखें और उसके बाद ही किसी फैसले पर पहुंचें। हालांकि, अगर आप कोई भी फैसला नहीं ले पा रहे हैं, तो कॅरियर काउंसलर्स की मदद से आप अपने लिए अच्छा कॅरियर ऑप्शन चुन सकते हैं।