
जयपुर। प्रदेश में पिछले वर्ष रूठे रहे मानसून का असर शहर की 50 लाख से ज्यादा की आबादी की लाइफ लाइन बीसलपुर बांध पर दिख गया है। जल संसाधन विभाग की ओर से मंगलवार को बांध की भराव स्थिति की ताजा स्थिति के आंकडे जारी किए तो जलदाय विभाग के इंजीनियरों में खलबली मच गई। बीसलपुर बांध में 40 प्रतिशत पानी ही बचा है और अप्रेल के महीने से ही शहर की पेयजल व्यवस्था लडखड़ाने लगी है। शहर के कई इलाकों में अभी से कम दबाव से पानी की सप्लाई हो रही है। अब चिंता यही है कि भीषण गर्मी के तीन महीने कैसे निकलेंगे।
अभी से गहराया जल संकट
शहर के विद्याधर नगर, सांगानेर, प्रताप नगर, जगतपुरा, परकोटा क्षेत्र समेत कई इलाकों में अभी से पानी का संकट गहरा रहा है। जलदाय विभाग सुबह -शाम पानी की सप्लाई तो कर रहा है लेकिन यह सप्लाई कम दबाव से हो रही है। सरकारी टैंकर नाकाफी साबित हो रहे हैं और लोग प्राइवेट टैंकर मंगा कर किसी तरह अपनी पेयजल जरूरतें पूरी कर रहे हैं। जलदाय विभाग होली के बाद बीसलपुर सिस्टम से एक करोड़ लीटर पानी बढ़ाया लेकिन यह नाकाफी साबित हो रहा है।
पिछले वर्ष एक अप्रेल तक 70 प्रतिशत भरा था बांध
जल संसाधन विभाग के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार पिछले वर्ष मानसून रूठा रहा और बांध में पानी की आवक ज्यादा ज्यादा नहीं हुई। 2022 के मानसून में बांध में पानी की जबरदस्त आवक हुई और मानसून समाप्ति पर 30 सितंबर को बांध में 1095 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी था। लेकिन 2023 में मानसून के दौरान बांध में पानी की आवक बेहद कम रही और मानसून समाप्ति पर 30 सितंबर को बांध में महज 754 मिलियन क्यूबिक मीटर ही पानी था।
फैक्ट फाइल
बांध की कुल भराव क्षमता
1095.84 एमक्यूएम
1 अप्रेल 2024 को बांध में पानी-443.05 एमक्यूएम
1 अप्रेल 2023 को बांध में पानी-757 एमक्यूएम
1 अप्रेल 2022 को बांध में पानी-1095 एमक्यूएम
Published on:
03 Apr 2024 11:37 pm
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