14 करोड़ सालाना खर्च फिर भी प्यासे
जलदाय विभाग ने बीसलपुर लाइन मेंटीनेंस का ठेका निजी फर्म को दिया है। जिस पर विभाग सालाना करीब 14 करोड़ रुपए खर्च करता है। बावजूद इसके बीती शुक्रवार रात सूरजपुरा से बालावाला हैडवर्क्स आ रही लाइन का स्कॉवर वॉल्व खराब होने पर निजी फर्म के मेंटीनेंस कार्य पर भी बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। बीते 20 महीने में राजधानी जयपुर के बाशिंदों को 8 बार बनास जलापूर्ति की किल्लत का सामना करना पड़ा है।
11 अगस्त 2017— सिस्टम पैनल में फॉल्ट
12 अगस्त 2017— उसी सिस्टम पैनल में आया फॉल्ट
16 अगस्त 2017— सिस्टम मेंटीनेंस के लिए विभाग ने लिया शटडाउन
11 अक्टूबर 2017— बालावाला से जयपुर आ रही लाइन में रेनवाल में लीकेज। जयपुर शहर को सप्लाई एक दिन रही ठप ।
14 मार्च 2018— बालावाला हैडवर्क्स के बिजली ट्रांसफार्मर में आई खराबी। पानी ट्रांसफर अटका
3 अप्रैल 2018— इंटेक वैल पंप हाउस मेंटीनेंस। शटडाउन लिया। जयपुर में शाम की सप्लाई ठप
16 जुलाई 2018— बालावाला हैडवर्क्स में टर्मिनल में हुआ शॉर्ट सर्किट। शहर में पानी ट्रांसफर अटका।
11 जनवरी 2020— सूरजपुरा से बालावाला हैडवर्क्स आने वाली पाइप लाइन में स्कॉवर वॉल्व हुआ खराब। बालावाला हैडवर्क्स पानी ट्रांसफर अटका। रविवार को जयपुर में बनास जलापूर्ति प्रभावित
600 से ज्यादा खोदे ट्यूबवैल,वीआईपी इलाकों पर रहा ज्यादा फोकस
बीते गर्मियों में बीसलपुर डेम में पानी कम होने पर जलदाय विभाग ने शहर में करीबग 600 से ज्यादा नए ट्यूबवैल खुदवाए थे। शनिवार शाम से शहर में बीसलपुर पानी की आपूर्ति बंद होने पर विभाग ने नए व पुराने ट्यूबवैलों से पानी का दोहन बढ़ाया लेकिन फिर भी आज शहर में सरकारी टैंकरों से हो रही निशुल्क जल वितरण व्यवस्था ठप रहना तय है। इसके अलावा आज शहर के अधिकांश इलाकों में जहां सरकारी जलापूर्ति ठप रही जबकि विभाग की ओर से गांधीनगर क्षेत्र के वीआईपी इलाकों में रूटीन जलापूर्ति आज सुबह बहाल रही है। ऐसे में गांधीनगर को छोड़कर शहर के शेष इलाकों में सरकारी जलापूर्ति ठप होना विभाग की कार्यशैली पर बड़ा सवाल है।
इनका कहना है—
बीती रात से वॉल्व बदलने का काम चल रहा है। उम्मीद है आज दोपहर तक सूरजपुरा से बालावाला हैडवर्क्स पानी ट्रांसफर शुरू हो जाएगा। शुभांशु दीक्षित,एसई बीसलपुर प्रोजेक्ट