
Rajasthan Politics: राजस्थान में 9 जिले और तीन संभाग खत्म होने के बाद सियासी बयानबाजी का दौर जारी है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भाजपा सरकार को नकारा और निकम्मी कहने वाले बयान पर भाजपा के प्रदेश प्रभारी डॉ. राधामोहन दास अग्रवाल ने करारा पलटवार किया है। उन्होंने गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि इधर-उधर की बात ना कर, ये बता कारवां क्यों लुटा?
राधामोहन दास अग्रवाल ने गहलोत सरकार की हार को लेकर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि अशोक गहलोत को अब आत्मचिंतन करना चाहिए। उनकी सरकार अगर निकम्मी थी तो वे बैठकर इसका मूल्यांकन करें कि उनकी हार क्यों हुई। 5 साल बाद जब हमारा चुनाव आएगा, तो हम और अधिक सीटें लेकर आएंगे। अगली बार 160-170 सीट जीतकर हमारे मुख्यमंत्री के नेतृत्व में सरकार बनाएंगे।
दरअसल, गहलोत ने हाल ही में मणिपुर हिंसा और केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए भाजपा को निकम्मी सरकार कहा था। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए अग्रवाल ने कहा कि गहलोत जी को अपनी हार का कारण समझना चाहिए। इधर-उधर की बातों से ध्यान भटकाने की बजाय यह बताएं कि उनकी पार्टी का कारवां क्यों लुटा। उनके बयान सिर्फ खिसियानी बिल्ली के समान हैं।
भजनलाल सरकार की कैबिनेट विस्तार को लेकर पूछे गए सवाल पर अग्रवाल ने कहा कि यह मुख्यमंत्री का अधिकार क्षेत्र है, इसमें मेरा कोई दखल नहीं है। मुख्यमंत्री इस पर जो भी फैसला लेंगे, वह उनका निर्णय होगा। भाजपा में संगठनात्मक बैठकों को लेकर अग्रवाल ने कहा कि पार्टी पूरी तैयारी के साथ अगले विधानसभा चुनावों की ओर बढ़ रही है। उन्होंने विश्वास जताया कि भाजपा राजस्थान में पहले से अधिक सीटें जीतकर सरकार बनाएगी।
राधामोहन दास अग्रवाल ने अपने बयान से साफ कर दिया है कि भाजपा अगले चुनावों में मजबूती से उतरने के लिए तैयार है।
बताते चलें कि इससे पहल राजस्थान के 9 जिले और 3 संभाग खत्म करने को लेकर अशोक गहलोत ने भजनलाल सरकार पर हमला बोला था। उन्होंने कहा कि एक साल में इस नाकारा सरकार ने कोई काम नहीं किया। उन्होंने कहा कि एक साल में इनकी उपलब्धि क्या है? यह बताते ही नहीं है। इनकी चाल है। इस बहस में सब उलझे रहें कि जिले समाप्त कर दिए। 9 जिलों को समाप्त करने के सिवाय तो कोई काम किया नहीं है। इनको कोई पूछे कि आपकी उपलब्धि क्या है, ये जिले खत्म करने को उपलब्धि बताएंगे।
Published on:
01 Jan 2025 04:04 pm
बड़ी खबरें
View Allजयपुर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
