
जयपुर। स्कूलों में परीक्षाओं का दौर शुरू होने वाला है और खासकर बोर्ड परीक्षाओं को लेकर बच्चों के मन में चिंताएं हैं। ‘परीक्षा की तैयारी कैसी है? पेपर कैसा आएगा? क्या मैं अच्छा कर पाऊंगा?’ जैसे कई सवाल इन दिनों बच्चों के दिमाग में घूम रहे हैं। इसका असर यह हो रहा है कि परीक्षा के अच्छे परिणाम की उमीद में बच्चों का मानसिक स्वास्थ्य गड़बड़ा रहा है।
परीक्षाओं से पहले बच्चों को तनावमुक्त रखने के लिए सरकारी और निजी स्कूलों की ओर से अलग-अलग प्रयास किए जा रहे हैं। विभाग की ओर से स्कूलों को यह निर्देश दिए जा रहे हैं कि वे बच्चों की पढ़ाई से अधिक मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान दें और इसके लिए अलग-अलग एक्टिविटी कराएं।
सिर्फ बच्चों के लिए ही नहीं, स्कूल अभिभावकों को भी संदेश दे रहे हैं। अभिभावकों को बताया जा रहा है कि वे बच्चों को घर पर पढ़ाई का बेहतर माहौल दें और उन पर परीक्षा के दौरान दबाव न बनाएं। बच्चों को रिश्तेदारों, दोस्तों और शिक्षकों से संवाद बनाए रखने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। स्कूलों का मानना है कि परिवार का सहयोग बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
समय का सदुपयोग करने के साथ-साथ एक अच्छी योजना बनाएं। इस योजना में केवल पढ़ाई नहीं, बल्कि आराम और विश्राम के लिए भी समय निर्धारित करें।
पूरी नींद लें, संतुलित आहार लें और नियमित रूप से व्यायाम करें। अच्छे शारीरिक स्वास्थ्य से मानसिक स्थिति भी बेहतर रहती है, जिससे परीक्षा के दौरान अधिक ऊर्जा और ध्यान केंद्रित किया जा सकता है।
विफलता जीवन का हिस्सा है। जब बच्चे इसे सीखने के अवसर के रूप में देखेंगे, तो तनाव कम होगा और वे खुद को बेहतर बना पाएंगे।
Updated on:
05 Feb 2025 08:33 am
Published on:
05 Feb 2025 08:32 am
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