
जयपुर। जम्मू कश्मीर में सीज फायर के उल्लंघन के दौरान शहीद हुए जयपुर के असिस्टेंट कमांडेट जितेन्द्र सिंह चौधरी के घर पर शोक छाया हुआ है। पूरा मानसरोवर शहीद की सूचना मिलने पर शोक गम में डूब गया। रिश्तेदार, दोस्त और नेतागण सभी शहीद के घर पहुंचने लगे हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेता घनश्याम तिवारी भी शहीद के घर पहुंचे और सांत्वना व्यक्त की। शहीद जितेंद्र का शव शाम चार बजे यहां पहुंचेगा।
गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर के सांबा जिले में नियंत्रण रेखा पर सीमापार से हुई गोलीबारी में राजस्थान के तीन सपूत शहीद हो गए। पाकिस्तान की ओर से हुई गोलीबारी में जयपुर के जितेंद्र सिंह, सीकर के रामनिवास और अलवर के हंसराज गुर्जर वीरगति को प्राप्त हुए हैं। जानकारी के मुताबिक़ पाकिस्तानी सैनिकों ने फिर संघर्ष विराम का उल्लंघन करते हुए जम्मू कश्मीर के सांबा जिले में नियंत्रण रेखा पर मंगलवार की रात गोलीबारी की। इस हमले में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के चार जवान शहीद हो गए जबकि पांच अन्य घायल हो गए।
माता पिता जितेन्द्र को लंबी उम्र का आर्शीवाद देकर आज ही आए थे जयपुर
जितेन्द्र के माता-पिता कल शाम ही जितेन्द्र को लंबी उम्र का आर्शीवाद देकर आज सवेरे ही जयपुर लौटे थे। लेकिन किसी को भी नहीं पता था कि परिवार का यह मिलाप और स्नेह अब देखने को नहीं मिलेगा। आज सवेरे सीज फायर में शहीद हुए जितेन्द्र के जयपुर में रजत पथ स्थित मकान में जैसे ही माता-पिता घुसे तो कुछ ही देर में बेटे के शहीद होने की खबर आ पहुंची।
कल एक साथ था पूरा परिवार
घर पर मौजूद परिवार के सदस्य प्रदीप कुमार ने बताया कि कल ही तो जितेन्द्र की छुट्टियां खत्म हुई थी। माता-पिता, पत्नी और तीन साल का बेटा यश सभी जितेन्द्र के साथ ही थे। माता-पिता को तो कल शाम जितेन्द्र ने ट्रेन से जयपुर के लिए रवाना कर दिया था।
पत्नी और बेटा रूके थे जतिन्द्र के क्वार्टर
पत्नी और बेटा जितेन्द्र के क्वार्टर पर ही ठहरे थे। वे आज सवेरे जैसे ही जयपुर के लिए रवाना हुए तो कुछ ही देर में जितेन्द्र के एक साथी ने उनकी पत्नी को फोन पर जानकारी दी। फोन पर कहा कि जितेन्द्र के कंधे पर गोली लगी है, कुछ ही देर में एक अन्य साथी ने जितेन्द्र के शहीद होने की सूचना दी।
चार साल पहले ही हुई थी शादी
प्रदीप ने बताया कि जितेन्द्र की पत्नी और बेटा उनकी पार्थिव देह के साथ ही हैं। चार साल पहले ही जितेन्द्र की शादी हुई थी। इधर जयपुर में परिजनों और अन्य लोगों का रो-रोकर बुरा हाल है। आज सवेरे जैसे ही जितेन्द्र के शहीद होने की खबर फैली तो सेना एवं पुलिस के अफसर जितेन्द्र के घर पहुंचने लगे।
भरतपुर में है शहीद का पतृक गांव
पाकिस्तान की ओर से सीजफायर उल्लंघन में भरतपुर के लाडले जितेन्द्र के शहीद हो जाने से उनके पतृक गांव में शोक की लहर दौड़ गई है। बुधवार शाम तक शहीद की पार्थिक देह उनके पतृक गांव पहुंचेगी। शहीद ने कल ही अपने माता—पिता को जम्मू से जयपुर के लिए बिठाया था। उनका परिवार जम्मू गया हुआ था।
Updated on:
13 Jun 2018 04:21 pm
Published on:
13 Jun 2018 04:18 pm
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