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एक वर्षीय एलएलएम कोर्स कर लॉ कॉलेज में नहीं पढ़ा सकेंगे अभ्यर्थी

बीसीआई ने विधि महाविद्यालयों में गुणवत्ता सुधार को लेकर की सख्ती

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जयपुर
बार काउंसिल इंडिया ने विधि महाविद्यालयों की शिक्षा में गुणवत्ता सुधार को लेकर अहम दिशा निर्देश जारी किए हैं। बीसीआई की ओर से जारी यह दिशा निर्देश सभी विश्वविद्यालयों को मिल गए हैं। जिसमें बीसीआई ने एक वर्षीय एलएलएम कोर्स कर कॉलेज में पढ़ाने वाले अभ्यर्थियों के पढ़ाने पर पाबंदी लगा दी हैं। नए दिशा निर्देशों के अनुसार अब एक वर्षीय एलएलएम करने वाले अभ्यर्थी एलएलबी के विद्यार्थियों को नहीं पढ़ा सकेंगे। हालांकि दो वर्षीय एलएलएम पाठयक्रम करने वाले अभ्यर्थी एलएलबी के विद्यार्थियों को पढ़ा सकेंगे। बार काउंसिल के अनुसार एक वर्षीय एलएलएम का कोर्स करने वाले अभ्यर्थी किसी भी कॉलेज में शिक्षण कार्य करवाने के लिए योग्य नहीं होंगे।
साइबर लॉ, मीडिया लॉ भी पाठयक्रम में
विश्वविद्यालयों को अगले शैक्षणिक सत्र कानून की पढ़ाई नए पाठयक्रम से करवानी होगी। बीसीआई ने करीब एक दशक बाद पाठयक्रम में बदलाव किया हैं। जिसमें एलएलबी पाठयक्रम की पढ़ाई विद्यार्थियों के लिए अब नए विषयों को जोड़ा हैं। इनमें अधिकत्तर विषय ऐसे है जो वर्तमान समय की जरुरत भी हैं। विधि की पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों को अब साइबर लॉ, मीडिया लॉ भी पढ़ाया जाएगा। इसके साथ ही एग्रीकल्चर, लॉ एंड मेडिसिन, एयर एंड स्पेस लॉ, लॉ एंड नर्सिग सहित कई ऐसे विषयों को पढ़ाया जाएगा।
लॉ कॉलेज पर निगरानी रखेगा बीसीआई
प्रदेश के सभी विधि महाविद्यालयों की शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार को लेकर अब बीसीआई इन पर नजर रखेगा। साल में करीब तीन बार विधि महाविद्यालयों का निरीक्षण किया जाएगा। जिसमें विधि महाविद्यालयों को पहले तो बीसीआई नियमित निरीक्षण करेगा। इसके बाद कभी भी बीसीआई की टीम औचक निरीक्षण करेगी। जिसमें कॉलेज की कमियों को दूर करने के लिए संस्था को बताएगी और इसके बाद मूल्यांकन निरीक्षण किया जाएगा। जिसके बाद प्रदेश के विधि महाविद्यालयों को उनकी गुणवत्ता और इंफ्रास्ट्रक्चर के अनुसार ग्रेडिंग दी जाएगी।