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Amayara Suicide Case: अमायरा खुदकुशी मामले में नीरजा मोदी स्कूल का 50 दिन बाद बड़ा एक्शन, 2 टीचरों की छुट्टी

Amayra Death Case: राजधानी जयपुर में चौथी कक्षा की छात्रा अमायरा की आत्महत्या मामले में नीरजा मोदी स्कूल प्रबंधन ने 50 दिन बाद बड़ा एक्शन लिया है।

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अमायरा (फोटो- पत्रिका)

जयपुर। राजधानी जयपुर में चौथी कक्षा की छात्रा अमायरा की आत्महत्या मामले में नीरजा मोदी स्कूल प्रबंधन ने 50 दिन बाद बड़ा एक्शन लिया है। स्कूल प्रबंधन ने कक्षा टीचर पुनीता शर्मा और गणित टीचर रचना को सेवा से हटा दिया है। माना जा रहा है कि यह कदम सीबीएसई और राज्य शिक्षा विभाग की सख्ती के बाद उठाया गया है।

दरअसल, 20 नवंबर को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने इस मामले में नीरजा मोदी स्कूल को नोटिस जारी किया था। बोर्ड ने स्कूल से 30 दिन के भीतर जवाब मांगा था। इसके बाद स्कूल प्रबंधन ने सीबीएसई को अपना जवाब सौंप दिया। अब सीबीएसई की समिति उस रिपोर्ट की समीक्षा कर रही है। इसके बाद आगे की कार्रवाई पर निर्णय लिया जाएगा।

शिक्षा मंत्री को सौंपी रिपोर्ट

इधर, राजस्थान सरकार के शिक्षा विभाग ने भी अपनी जांच रिपोर्ट उच्च अधिकारियों और शिक्षा मंत्री मदन दिलावर को सौंप दी है। आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि राज्य शिक्षा विभाग के पास सीबीएसई से मान्यता प्राप्त स्कूलों को केवल एनओसी जारी करने का अधिकार है। हालांकि, जांच में सामने आई गंभीर खामियों के आधार पर शिक्षा विभाग ने भी स्कूल प्रबंधन से जवाब तलब किया है। माना जा रहा है कि इन सभी स्तरों पर हुई कार्रवाइयों और दबाव के बाद ही स्कूल ने शिक्षिकाओं को हटाने का फैसला लिया।

ये है पूरा मामला

जयपुर के नीरजा मोदी स्कूल में 1 नवंबर को कक्षा 4 की छात्रा अमायरा ने स्कूल की चौथी मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली थी। इस हृदयविदारक घटना के बाद परिजनों ने स्कूल पर गंभीर आरोप लगाए थे। उनका कहना था कि अमायरा को लंबे समय से स्कूल में अन्य छात्रों द्वारा बुलिंग का शिकार बनाया जा रहा था, लेकिन स्कूल प्रशासन और शिक्षक लगातार इसकी अनदेखी करते रहे। बाद में सीबीएसई की जांच रिपोर्ट में भी बुलिंग की पुष्टि हुई।

स्कूल प्रबंधन की ये खामियां आई थी सामने

जांच समिति की विस्तृत रिपोर्ट में स्कूल की कई गंभीर खामियां भी सामने आई थी। घटना 1 नवंबर को दोपहर 12 बजकर 28 मिनट और 11 सेकंड पर हुई। जिस स्थान से छात्रा गिरी थी, उस पूरे क्षेत्र को फॉरेंसिक जांच से पहले ही स्कूल प्रशासन द्वारा धुलवा दिया गया। इसे साक्ष्य मिटाने का गंभीर प्रयास माना गया है।

रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ कि स्कूल और परिजनों के बीच पिछले 18 महीनों से बुलिंग को लेकर लगातार शिकायतें होती रही थीं, लेकिन स्कूल ने उन्हें गंभीरता से नहीं लिया। 2 मई 2024 को अमायरा की मां ने शिकायत की थी कि एक बच्चे ने उसकी ओर मिडिल फिंगर दिखाई थी, लेकिन शिक्षक ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसके बाद 24-25 जुलाई 2024 को परिजनों ने बच्ची के रोने और परेशान होने के ऑडियो भेजकर स्कूल से शिकायत की थी।

सीसीटीवी फुटेज और शिक्षकों के बयानों के आधार पर जांच समिति ने पाया कि घटना वाले दिन बच्ची मानसिक तनाव में थी। घटना से पहले 45 मिनट में उसने अपनी क्लास टीचर पूनीता शर्मा से पांच बार मदद मांगी, लेकिन शिक्षिका ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया और उसे केवल डांट दिया। बाद में टीचर ने अपने बयान में यह भी स्वीकार किया कि बच्चों द्वारा “बैड शब्दों” के इस्तेमाल की शिकायत उन्हें मिली थी। इसके अलावा, रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि 5,000 से अधिक छात्रों वाले स्कूल में सीसीटीवी कैमरे ठीक से काम नहीं कर रहे थे, कई छात्र और स्टाफ आईडी कार्ड नहीं पहने हुए थे। इस पर सीबीएसई ने स्कूल को कारण बताओ नोटिस जारी किया था।