CAZRI के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. प्रभात कुमार मालविया ने बाजरे के बिस्किट बनाए हैं। सामान्यत: बाजरी के आटे में विभिन्न रासायनिक क्रियाओं के चलते यह एक सप्ताह बाद ऑक्सीकृत होकर कड़वा पडऩे लग जाता है। डॉ. मालविया ने बाजरी के दाने के ऊपर की परत को उतारकर उसका आटा तैयार किया। यह आटा हल्के सफेद रंग के जैसा था।
इस आटे से बिस्किट तैयार किए जो एक महीने तक सुरक्षित रहते हैं। मालविया ने बताया कि शहर में बाजरे को लेकर क्रेज नहीं है। अधिकांश लोग गेहूं और चावल का इस्तेमाल करते हैं। बाजरे की फसल को बढ़ावा देने के लिए इस धान के बिस्किट तैयार किए गए हैं।
चार तरह के बिस्किट बिस्किट की चार किस्म बनाई गई है। पहली किस्म में 100 फीसदी बाजरा है लेकिन यह नमकीन टेस्ट का बिस्किट है। दूसर किस्म में 100 फीसदी बाजरे के साथ मीठे बिस्किट हैं। तीसरी किस्म में 50 फीसदी बाजर और 50 फीसदी मैदा के बिस्किट तैयार किए गए हैं। चौथे प्रकार के बिस्किट में 50 फीसदी बाजरा और 50 फीसदी गेहूं शामिल है।
चावल से कहीं अधिक पौष्टिक है बाजरा अनाज प्रोटीन वसा मिनरल्स केल्सिशयम फाइबर ऊर्जा चावल 6.8 0.5 0.6 10 0.2 345 गेंहू 11.8 1.5 1.5 41 1.2 346 बाजरा 11.6 5 2.3 42 1.2 361
(पोषक तत्वों की मात्रा प्रति 100 ग्राम है।)
आयरन केप्सूल है बाजरा आयरन की अधिकतता की वजह से बाजरे को आयरन केप्सूल माना जाता है। इसमें सूक्ष्म पोषक तत्वों की पर्याप्त मात्रा होने के साथ यह चावल और गेहूं से अधिक पौष्टिक है। लोगों की यह गलत धारणा है कि बाजरा खाने के बाद गर्मी पैदा करता है अथवा कब्ज होती है। दरअसल इसमें स्टार्च की मिश्रित संरचना होती है जिससे इसके पाचन में समय लगता है। चावल में सरल स्टार्च होता है जिससे वह आसानी से पच जाता है। -डॉ. ओपी यादव, निदेशक, CAZRI
आयरन केप्सूल है बाजरा आयरन की अधिकतता की वजह से बाजरे को आयरन केप्सूल माना जाता है। इसमें सूक्ष्म पोषक तत्वों की पर्याप्त मात्रा होने के साथ यह चावल और गेहूं से अधिक पौष्टिक है। लोगों की यह गलत धारणा है कि बाजरा खाने के बाद गर्मी पैदा करता है अथवा कब्ज होती है। दरअसल इसमें स्टार्च की मिश्रित संरचना होती है जिससे इसके पाचन में समय लगता है। चावल में सरल स्टार्च होता है जिससे वह आसानी से पच जाता है। -डॉ. ओपी यादव, निदेशक, CAZRI