
पाबंदियों को हल्का नहीं केवल बढ़ा सकते हैं राज्य: केंद्र
नई दिल्ली. देशभर में लॉकडाउन को 31 मई तक बढ़ाने के अगले ही दिन केंद्रीय गृहमंत्रालय ने सभी राज्यों को प्रतिबंधों को हल्का करने या उनसे जुड़े मानकों को दरकिनार न करने का निर्देश दिया है।
सभी राज्यों को लिखे पत्र में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने स्पष्ट रूप से राज्यों को चेताया है कि 'राज्य ताजा दिशा-निर्देशों के माध्यम से लगाए गए प्रतिबंधों को हल्का या कम नहीं कर सकते।Ó अलबत्ता जमीनी हालात देखते हुए यदि राज्यों को लगता है कि वह कुछ अन्य गतिविधियों पर रोक लगाना चाहते हैं तो वह जरूरत के अनुसार ऐसा कर सकते हैं।
केंद्र सरकार ने राज्यों से यह भी कहा कि रेड, ऑरेज, ग्रीन, कन्टेनमेंट और बफर जोन तय करते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइन का सख्ती से पालन करें। भल्ला ने कहा कि ' मैं आपसे नए दिशा-निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करने और सभी संबंधित अधिकारियों को उन दिशा निर्देशों के सख्त कार्यान्वयन के लिए निर्देशित करने का आग्रह करता हूं।
रेड जोन घोषित करने के नियम जिन्हें राज्यों को मानना ही होगा
कुल एक्टिव केस जिले में 200 से ज्यादा एक्टिव केस होने पर स्थिति गंभीर मानी जाएगी। स्थिति सामान्य तब मानी जाएगी जब एक्टिव केस शून्य हो जाएं या पिछले 21 दिनों से कोई पॉजिटिव केस रिपोर्ट न हुआ हो।
प्रति लाख आबादी संक्रमण एक लाख आबादी पर संक्रमितों की संख्या 15 से ज्यादा होने पर स्थिति गंभीर मानी जाएगी।
दोगुने होने की दर कोरोना संक्रमितों की संख्या 14 दिनों से कम में दोगुनी होने पर स्थिति गंभीर मानी जाएगी। इसे 28 दिनों से ऊपर ले जाना होगा।
दर संक्रमण से मृत्यु दर 6 से ऊपर होने पर स्थिति गंभीर मानी जाएगी। इसे एक प्रतिशत से कम पर लाना होगा।
जांच का अनुपात प्रति लाख आबादी में कोरोना जांच की दर यदि 65 सैंपल से नीचे है तो उसे गंभीर माना जाएगा। इसे कम से 200 से ऊपर लाना होगा।
पॉजिटिव सैंपल की दर कुल जांच में से 6 प्रतिशत से ज्यादा सैंपलों का पॉजिटिव आना गंभीर माना जाएगा। इस दर को 2 प्रतिशत से नीचे रखना होगा।
Published on:
19 May 2020 12:18 am
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