जयपुर

3 साल बाद भी लागू नहीं हो सका सेंट्रलाइज्ड ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम, दौड़ा रहे हैं सेमी हाई-स्पीड ट्रेनें

High Speed Train: उत्तर पश्चिम रेलवे में वंदेभारत सहित अन्य तेज गति से चलने वाली ट्रेनें दौड़ाई जा रही हैं। ट्रैक की स्पीड क्षमता भी 110 से बढ़कर 130 किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुंच गई है लेकिन ट्रेनों को दुर्घटना से बचाने के जतन अभी तक भी पूरे नहीं किए गए हैं।

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Oct 14, 2023

देवेन्द्र सिंह राठौड़
जयपुर। High Speed Train: उत्तर पश्चिम रेलवे में वंदेभारत सहित अन्य तेज गति से चलने वाली ट्रेनें दौड़ाई जा रही हैं। ट्रैक की स्पीड क्षमता भी 110 से बढ़कर 130 किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुंच गई है लेकिन ट्रेनों को दुर्घटना से बचाने के जतन अभी तक भी पूरे नहीं किए गए हैं। आश्चर्य यह है कि रेलवे ने तीन वर्ष पहले बजट में घोषणा भी की थी, लेकिन वो महज घोषणा ही बनकर रह गई हैं। मेट्रो की तर्ज पर रेल यातायात को विकसित करने की सौगात ठंडे बस्ते में नजर आ रही है।

दरअसल, उत्तर पश्चिम रेलवे में ट्रेनों की गति बढ़ाने के लिए रेलवे ट्रैक में लगातार सुधार किया जा रहा है। रेवाड़ी से वाया जयपुर होते हुए पालनपुर तक ट्रैक की क्षमता बढ़ गई है। जिससे ट्रेनें 130 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से फुल स्पीड में दौड़ सकेंगी। इन तेज गति में दौडऩे वाली ट्रेनों से दुर्घटना की आशंका शून्य होने का दावा किया जा रहा है। इसके लिए रेलवे ने बजट 2020 में 202 करोड़ की लागत से जयपुर-अजमेर (132 किमी) के बीच रेल मार्ग पर केंद्रीयकृत यातायात नियंत्रण प्रणाली लागू करने की घोषणा की थी। इसके लिए फुलेरा में सिगनल नियंत्रण बनाया जाना प्रस्तावित था, लेकिन अभी तक ये सौगात फाइलों से बाहर ही नहीं निकल सकी है। जबकि इसे अब तक पूरा कर दिए जाना था।

मेट्रो की तरह एक साथ दौड़ सकेंगी दो ट्रेेनेें: रेलवे अधिकारियों ने बताया कि इस प्रणाली के लागू होने के बाद रेलवे स्टेशनों पर क्रॉसिंग के दौरान ट्रेन को रवाना करने के लिए क्रॉस करके गई ट्रेन के अगले स्टेशन तक पहुंचने का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। इसके लिए दो स्टेशनों के मध्य 1-1 किमी में सिगनल स्थापित किए जाएंगे, ताकि मेट्रो की तरह एक ट्रैक पर ज्यादा ट्रेनें संचालित हो सकें।

जिम्मेदारों का तर्क, कोरोना के कारण देरी हुई
इस संबंध में रेलवे अधिकारियों का कहना है कि घोषणा के दौरान कोरोना काल चल रहा था। इसलिए काम शुरू नहीं हो सका। रेलवे बोर्ड को वित्तीय स्वीकृति के लिए प्रस्ताव भेजा गया था। वहां से हरी झंडी मिलने में देरी हुई।

Published on:
14 Oct 2023 11:59 am
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