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चना दाल को नहीं मिल रहा खरीदार, एमएसपी के नीचे मिल रहे दाम

सरकार की कोरोना काल ( Corona period ) में बांटी गई दाल ( Chana dal ) का असर अब बाजार में दिखाने लगा है। उत्पादक मंडियों से लेकर थोक बाजार तक मांग का अभाव बना हुआ है।

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Chana dal: चना दाल को नहीं मिल रहा खरीदार, एमएसपी के नीचे मिल रहे दाम

Chana dal: चना दाल को नहीं मिल रहा खरीदार, एमएसपी के नीचे मिल रहे दाम

सरकार की कोरोना काल में बांटी गई दाल का असर अब बाजार में दिखाने लगा है। उत्पादक मंडियों से लेकर थोक बाजार तक मांग का अभाव बना हुआ है, जिसके फलस्वरूप मंडियों में इसके भाव एमएसपी के नीचे 4950 से 5000 रुपए प्रति क्विंटल बोले जा रहे है। सरकार ने चने का एमएसपी 5230 रुपए प्रति क्विंटल तय कर रखा है। लूज में तो चना 4600 रुपए प्रति क्विंटल तक बिक रहा है। दाल कारोबारी श्याम नाटाणी ने बताया कि राजस्थान की मंडियों में इन दिनों करीब 55 हजार बोरी चना प्रतिदिन उतर रहा है। जयपुर में मिल डिलीवरी चने के भाव 5000 रुपए प्रति क्विंटल बोले जा रहे है। उत्पादन केन्द्रों पर नए माल की आवक व मंडियों में उठाव कमजोर होने से चने में तेजी के आसार नहीं हैं। बाजार में धनतंगी से भी मांग पर विपरीत असर पड़ा है। कमजोर उत्पादन को देखते तुवर में मुनाफा कमाने के उददेश्य से स्टाकिस्टों ने काफी तुवर पकड़ रखी है। मंडियों में तुवर की आवक अब धीमी पड़ रही है लेकिन सामने मांग भी कमजोर है। उम्मीद है रमजान के बाद (3 मई) के बाद से दालों में पूछताछ शुरू हो सकती है और भाव में सुधार होगा। फिलहाल लगभग सभी स्टाकिस्ट तेजी का इंतजार कर रहे हैं, ताकि वे नुकसान से उबर सके। जिनके पास पुराना स्टाक है वे मई-जून तक तेजी का इंतजार कर सकते हैं।
उत्पादन घटा, मांग भी कमजोर
वर्तमान में कोटा, भीलवाड़ा, मेड़ता, बीकानेर के साथ ही आसपास की मंड़ियों में अभी चने की आवक हो रही है। पिछले साल चने का 80 लाख टन उत्पादन हुआ था, लेकिन कैरीफॉरवर्ड स्टॉक अच्छा था। इस साल चने का उत्पादन हालांकि पिछले साल से दस लाख टन कम 70 लाख टन हुआ है, लेकिन कमजोर मांग और कैरीफॉरवर्ड स्टॉक अच्छा होने से चने के भावों में तेजी दिखाई नहीं दे रही है।