पोर्टल पर पहले ईमित्र कियोस्क के माध्यम से एवं श्रमिक स्वयं मोबाइल, आधार नंबर या एसएसओ आईडी के माध्यम से पंजीयन करवा सकते थे। अब पंजीयन करवाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई ) की सहायता से चैट बोट सुविधा प्रारंभ की है, जिसके जरिए श्रमिक सामान्य प्रश्नों का जवाब देते हुए बहुत आसानी से पंजीयन करवा सकते हैं। राज बोट पर श्रमिक अपने कौशल उन्नयन के लिए प्रशिक्षण की आवश्यकता भी दर्ज करवा सकते हैं।
डॉ.पवन ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देशों पर उद्योगों एवं श्रमिकों के बीच सेतु के तौर पर इस पोर्टल को विकसित किया गया था, जिस पर अब तक 12 लाख प्रवासी श्रमिकों के साथ ही कुल 52 लाख 66 हजार से अधिक श्रमिकों एवं जनशक्ति का डाटा उपलब्ध है। 12 लाख से अधिक नियोक्ताओं को भी पंजीकृत किया गया है।