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गहलोत के गढ़ में गर्जना: मारवाड़ में सियासी जादू दिखाने के लिए शह-मात का खेल शुरू

विधानसभा चुनाव 2023 को लेकर राजनीतिक दलों ने मतदाताओं को लुभाने के जतन शुरू कर दिए हैं, लेकिन मारवाड़ में किसका जादू चलेगा? यह अनुमान लगाना किसी भी दल के लिए आसान नहीं है।

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जयपुर. विधानसभा चुनाव 2023 को लेकर राजनीतिक दलों ने मतदाताओं को लुभाने के जतन शुरू कर दिए हैं, लेकिन मारवाड़ में किसका जादू चलेगा? यह अनुमान लगाना किसी भी दल के लिए आसान नहीं है। जोधपुर के कांग्रेस नेता अशोक गहलोत इस समय मुख्यमंत्री हैं और चौथी बार मुख्यमंत्री बनने के प्रयास में हैं। पिछली बार भाजपा ने गोड़वाड़-मारवाड़ में कांग्रेस को कड़ी टक्कर दी। भाजपा का गजेन्द्र सिंह शेखावत पर दारोमदार है। दस साल से वे बड़ा चेहरा बनकर उभरे हैं। इस चुनाव में जीत के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को रामदेवरा से परिवर्तन यात्रा को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह यात्रा राज्य के 51 विधानसभा क्षेत्रों से गुजरेगी। वहीं कांग्रेस भी यात्रा का जवाब यात्रा से देने की तैयारी में है। कांग्रेस ने नए जिले बनाकर मतदाताओं को राजनीतिक संदेश देने का प्रयास किया है। सीएम गहलोत का गृह क्षेत्र होने के कारण जहां कांग्रेस अपने को मजबूत मानकर चल रही है, वहीं भाजपा गहलोत को उनके घर में ही मात देने के लिए नई रणनीति पर काम कर रही है। मारवाड़-गोडवाड़ अपनी अपणायत के लिए जाना जरूर जाता है, लेकिन राजनीतिक फैसला लेने के लिए वह अपने मन की सुनता है।

कहीं कांग्रेस तो कहीं भाजपा आगे आगे रही

विधानसभा चुनाव 2018 में जैसलमेर, जोधपुर और बाड़मेर जिले में कांग्रेस ने बढ़त ली तो पाली, सिरोही और जालोर में कांग्रेस को कड़ी शिकस्त मिली। इन तीन जिलों की 14 सीटों में से कांग्रेस को केवल एक सांचौर की सीट पर जीत मिली। सिरोही और पाली में तो कांग्रेस का खाता ही नहीं खुला। आरएलपी जोधपुर जिले की भोपालगढ़ सीट पर खाता खोलने में सफल रही। मारवाड़-गाड़वाड़ में 33 विधानसभा सीटें हैं। इनमें से 16 सीटों पर कांग्रेस जीती और 14 सीटों पर भाजपा ने कब्जा किया। दो निर्दलीय भी जीते और एक सीट आरएलपी की झोली में आई।

इस बार फिर रोचक होगा मुकाबला

मारवाड़-गोड़वाड़ की 33 सीटों पर कांग्रेस और भाजपा के साथ तीसरे मोर्चे की भी कड़ी नजर है। इस कारण आगामी विधानसभा चुनाव में यहां रोचक मुकाबला होना तय है। वर्ष 2003 के चुनाव में 32 में से 23 सीट भाजपा को और 8 सीट कांग्रेस को मिली थी। एक सीट पर निर्दलीय को जीत मिली। 2008 के चुनाव में 33 में से 15 भाजपा को और कांग्रेस को 16 सीटें मिली। दो सीटों पर निर्दलीय जीते। इसके बाद 2013 में 33 में से 30 भाजपा को और तीन सीटें कांग्रेस को मिली।

नए जिले बनने से कहीं खुशी, कहीं गम

कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में जोधपुर संभाग के पाली जिले को नया संभाग मुख्यालय बनाया है। वहीं सांचौर, फलोदी और जोधपुर ग्रामीण नए जिले बनाए गए हैं। नए जिले बनने से कई जगह लोगों ने खुशी जताई तो कहीं लोगों ने विरोध किया। जालोर से जिले उपखंड भीनमाल को जिला नहीं बनाए जाने पर वहां लोगों ने आंदोलन किया। इसके अलावा पाली जिले के रायपुर मारवाड़ और जैतारण उपखंड को नवगठित ब्यावर जिले में शामिल कर दिया है। सुमेरपुर और जैतारण को जिला बनाए जाने की भी मांग उठी।

विधानसभी कब किसको कितनी सीटें मिली

जोधपुर संभाग: 2018

जिला कुल सीट भाजपा कांग्रेस निर्दलीय अन्य

जोधपुर 10 2 7 0 1

जैसलमेर 2 0 2 0 0

बाड़मेर 7 1 6 0 0

पाली 6 5 0 1 0

सिरोही 3 2 0 1 0

जालोर 5 4 1 0 0

कुल 33 14 16 2 1

जोधपुर संभाग: 2013

जिला कुल सीट भाजपा कांग्रेस निर्दलीय अन्य

जोधपुर 10 9 1 0 0

जैसलमेर 2 2 0 0 0

बाड़मेर 7 6 1 0 0

पाली 6 6 0 0 0

सिरोही 3 3 0 0 0

जालोर 5 4 1 0 0

कुल 33 30 03 0 0

जोधपुर संभाग: 2008

जिला कुल सीट भाजपा कांग्रेस निर्दलीय अन्य

जोधपुर 10 6 4 0 0

जैसलमेर 2 1 1 0 0

बाड़मेर 7 1 6 0 0

पाली 6 4 1 1 0

सिरोही 3 2 1 0 0

जालोर 5 1 3 1 0

कुल 33 15 16 2 0

जोधपुर संभाग: 2003

जिला कुल सीट भाजपा कांग्रेस निर्दलीय अन्य

जोधपुर 9 6 3 0 0

जैसलमेर 1 1 0 0 0

बाड़मेर 6 4 1 1 0

पाली 8 6 2 0 0

सिरोही 3 2 1 0 0

जालोर 5 4 1 0 0

कुल 32 23 8 1 0