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जयपुर

क्यों हाथ पैर फूल गए जलदाय इंजीनियरों के…

गर्मियां शुरू होने से पहले ही इंदिरा गांधी नहर में लिए जाने वाले क्लोजर ने जलदाय विभाग के अफसरों के हाथ पैर फुला दिए हैं।

जयपुरMar 10, 2018 / 11:52 am

Daulat chauhan

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जोधपुर के लोगों के लिए जीवन रेखा बनी इंदिरा गांधी नहर में रखरखाव के लिए लिए जा रहे क्लोजर ने जलदाय विभाग के अभियंताओं को गहरी चिंता में डुबो दिया है। नहर में 29 मार्च से क्लोजर के कारण जल प्रवाह रुका रहेगा। हालत यह है कि क्लोजर के दौरान जलापूर्ति के लिए भरे जा रहे रिजरवायर्स की क्षमता तक विभाग के इंजीनियर भूल गए हैं और इससे रिजरवायर के रूप में काम आ रहे तालाबों को नुकसान की आशंका तक खड़ी हो गई है। गर्मी के शुरुआत में ही क्लोजर के कारण जल संकट से आशंकित अभियंता क्लोजर से पहले ज्यादा से ज्याद पानी संग्रहित करने में जुटे हैं। इसके लिए रिजरवायर के रूप में काम में लिए जा रहे तालाबों को हिमालय के पानी से भरा जा रहा है, लेकिन इस चक्कर में कई तालाबों को नुकसान की आशंका खड़ी हो गई है। कारण इनमें क्षमता से ज्यादा पानी भरा जा रहा है। ऐसा ही एक तालाब है जोधपुर जिले के फलोदी उपखंड मुख्यालय का शिवसर तालाब। छोटी काशी के रूप में विख्यात फलोदी का यह प्राचीन व ऐतिहासिक जलस्रोत है। हाल ही 23 लाख रुपए की लागत से तालाब के जीर्णोद्धार के बाद न सिर्फ धार्मिक आयोजनों, बल्कि सैरसपाटे के लिए भी लोग तालाब पर आते हैं। इस तालाब में क्षमता से ज्यादा पानी भर दिए जाने के कारण इसके घाट तो पूरे ही डूब गए हैं। इसमें पानी भरने का काम अब भी जारी है। इससे तालाब के टूटने का खतरा भी खड़ा हो गया है।
मुख्य बातें..

जोधपुर के लिए जीवन रेखा साबित हुई है इंदिरा नहर
जैसलमेर के मदासर होते हुए जोधपुर पहुंचता है हिमालय का पानी
जलदाय विभाग ने जोधपुर से मदासर तक बना रखी है लिफ्ट नहर
लिफ्ट नहर में 29 मार्च से लिया जाएगा क्लोजर
क्लोजर के दौरान नहर में बंद रहेगा पानी का प्रवाह
लिफ्ट नहर से जोधपुर शहर व सैकड़ों गांवों में होती है जलापूर्ति
क्लोजर ने फुला रखे हैं जलदाय अधिकारियों के हाथ पैर
जैसलमेर के मदासर गांव लिफ्ट नहर के जरिए इंदिरा गांधी नहर का पानी पहुंचता है जोधपुर व रास्ते के गांवों में। जलदाय विभाग 8 पंपिग स्टेशनों के जरिए पानी जोधपुर के तखतसागर व कायलाना तक पहुंचाता है। बीच में पड़ने वाले फलोदी शहर में भी लिफ्ट नहर से जलापूर्ति होती है।

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