
जयपुर। प्रदेश का चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग सत्तारूढ़ भाजपा की महिला विधायक की स्वाइन फ्लू से मौत के बाद आखिर जाग ही गया। महिला विधायक की मौत के बाद विभाग ने स्वाइन फ्लू की भयानक तस्वीर को सोमवार को देखा और स्वाइन फ्लू को लेकर पूरे प्रदेश में हाई अलर्ट कर दिया। विभाग के अफसरों ने कहा है कि गले में लगातार दर्द और कई दिनों तक बुखार हो तो तत्काल सरकारी अस्पताल पहुंचे और स्वाइन फ्लू की जांच कराएं ताकि स्वाइन फ्लू की जांच हो सके। उधर, विभाग अब भी प्रदेश में स्वाइन फ्लू के पॉजीटिव मामले और स्वाइन फ्लू से हुई मौत का वास्तविक आंकड़ा देने की स्थिति में नहीं है।
विधायक की मौत से हिली सरकार
सोमवार को स्वाइन फ्लू से मांडलगढ़ से भाजपा की महिला विधायक कीर्ति कुमारी की मौत के बाद पूरी सरकार में खलबली मच गई। सूत्रों के अनुसार स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख सचिव समेत स्वास्थ्य विभाग के अफसरों को सीएमओ तलब कर लिया गया। वहां भी विभाग के अफसर सीएमओ को गुमराह करने में पीछे नहीं हटे और आंकड़े दिखाकर कहा गया कि पिछले साल की तुलना में इस बार स्वाइन फ्लू से मौत कम हो रही है।
आनन-फानन में हाई अलर्ट
सीएमओ में तलब किए जाने के बाद स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने आनन-फानन में स्वाइन फ्लू को लेकर अलर्ट घोषित कर दिया। विभाग के निदेशक वीके माथुर और चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ ने हालात की समीक्षा की और हाई अलर्ट घोषित कर दिया। विभाग की ओर से सूचना जारी कर दी गई है कि गले में दर्द, कई दिनों से बुखार हो तो तत्काल अपनी स्वाइन फ्लू की जांच कराएं।
कई जिलों में नहीं है जांच की सुविधा
हालांकि स्वास्थ्य विभाग लक्षणों के आधार पर तत्काल स्वाइन फ्लू की जांच कराने की बात कह रहा है लेकिन अधिकांश जिलों के अस्पतालों में स्वाइन फ्लू की जांच की सुविधा ही नहीं है। ऐसे में मरीजों को निजी अस्पतालों के भरोसे ही अपनी जांच करानी होगी।
अब तक प्रदेश में 80 से ज्यादा मौतें
प्रदेश में स्वाइन फ्लू से अब तक 80 से ज्यादा मौत हो चुकी है। वहीं 800 से ज्यादा स्वाइन फ्लू पॉजीटिव मरीज सामने आ चुक है। हालांकि विभाग के पास स्वाइन फ्लू पॉजीटिव और मौत के मुंह में जा चुके मरीजों की सही सही संख्या नहीं है। विभाग को अब भी निजी अस्पतालों से स्वाइन फ्लू पॉजीटिव मरीजों की रिपोर्ट नहीं मिल रही है।
Published on:
29 Aug 2017 12:19 pm
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