
प्रतीकात्मक तस्वीर
शू स्टोर द्वारा कंपनी के विज्ञापन वाले कैरी बैग के ग्राहक से छह रुपए वसूलने के मामले में जयपुर के जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने परिवादी को 61 हजार रुपए दिलाए हैं। जिला आयोग ने इसे अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस
का मामला माना है।
जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष देवेन्द्र मोहन माथुर व सदस्य दुष्यंत शर्मा की बेंच ने अरविन्द कुमार शर्मा के परिवाद पर यह आदेश दिया। परिवादी ने अप्रेल 2024 में जयपुर स्थित बाटा के शू स्टोर से एक जोड़ी चप्पल खरीदी। चप्पल की कीमत 266.96 रुपए थी। परिवादी को 32.04 रुपए जीएसटी और 6 रुपए कैरी बैग सहित 305 रुपए देने पड़े। इस पर स्टोरकर्मियों को आपत्ति दर्ज कराई तो जवाब मिला 6 रुपए तो देने ही पड़ेंगे।
परिवादी को मजबूरन यह राशि देनी पड़ी। सुनवाई के दौरान बाटा कंपनी ने मयंक सेन नाम के व्यक्ति को अथॉरिटी लैटर दिया, लेकिन परिवाद का जवाब नहीं आया। आयोग ने परिवादी की प्रशंसा करते हुए कहा कि वह जागरूक उपभोक्ता है, अन्यथा इतनी छोटी राशि के लिए आयोग आता ही नहीं। कंपनी रोजाना लाखों जूते-चप्पल बेचती है, उसका अपना कैरी बैग उपभोक्ता को नि:शुल्क देने का दायित्व है।
Published on:
30 Dec 2024 08:21 am
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