एक ओर जहां सरकार नि:शुल्क इलाज की सौगात देकर वाहवाही लूट रही है। वहीं, दूसरी ओर जयपुरिया अस्पताल में शाम के बाद जरूरी जांच नहीं की जाती है। इसके कारण मरीजों को सवाई मानसिंह अस्पताल रैफर किया जा रहा है।
जयपुर/देवेंद्र राठौड़ . एक ओर जहां सरकार नि:शुल्क इलाज की सौगात देकर वाहवाही लूट रही है। वहीं, दूसरी ओर जयपुरिया अस्पताल में शाम के बाद जरूरी जांच नहीं की जाती है। इसके कारण मरीजों को सवाई मानसिंह अस्पताल रैफर किया जा रहा है। जयपुरिया अस्पताल में मालवीय नगर, दुर्गापुरा, सांगानेर, टोंक रोड, गोपालपुरा समेत आसपास के क्षेत्रों से रोजाना तीन हजार से ज्यादा मरीज आते हैं। इनमें 150 से ज्यादा मरीज गंभीर हालत में अस्पताल के इमरजेंसी ब्लॉक में लाए जाते हैं। मरीजों को यहां पर शाम से लेकर सुबह तक परेशानी से जूझना पड़ता है। वजह, शाम पांच बजे बाद सीटी स्कैन, एमआरआई, 2डी-ईको समेत अन्य जरूरी जांचें बंद हो जाती है। इस कारण मरीजों का उपचार प्रभावित होता है। ऐसी स्थिति में इमरजेंसी में कार्यरत चिकित्सक उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद एसएमएस अस्पताल रैफर कर देते हैं। रोजाना 5 से 10 मरीजों को जरूरी जांचों के अभाव में रैफर करना पड़ रहा है। वहां पर भी मरीजों को जांच के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है।
जयपुर का दूसरा सबसे बड़ा अस्पताल
जयपुरिया अस्पताल राजधानी का दूसरा सबसे बड़ा अस्पताल है। शहरी के साथ ग्रामीण इलाकों के भी मरीज यहां आते हैं। यहां 24 घंटे इमरजेंसी, ओटी सुविधा उपलब्ध है, लेकिन शाम पांच बजे से सुबह आठ बजे तक एमआरआई, सीटी स्कैन, एचआर सीटी अन्य जरूरी जांच नहीं होती हैं। अस्पताल प्रशासन की अनदेखी के चलते शाम होते ही ये जांच सेंटर बंद हो जाते हैं।
छुट्टी के दिन ओपीडी मरीजों को परेशानी
पूछताछ में पता चला कि राजपत्रित अवकाश या रविवार के दिन अस्पताल में ओपीडी महज दो घंटे ही संचालित होती है। इस दौरान जिन मरीजों को सीटी स्कैन या एमआरआई जांच लिखी जाती है। उन्हें अगले दिन ही जांच के लिए बुलाया जाता है।
व्यवस्था करने की जरूरत
चिकित्सकों का कहना है कि अगले माह के अंत तक यहां पर न्यू ट्रॉमा सेंटर शुरू होना प्रस्तावित है। उसके बाद यहां पर ओटी, इमरजेंसी समेत अन्य कई चिकित्सा व्यवस्था शुरू हो जाएगी। जिससे दुर्घटनाग्रस्त मरीजों की संख्या बढ़ जाएगी। ऐसे मेें एमआरआई, सीटी स्कैन समेत अन्य जांचों की सुविधा 24 घंटे शुरू करनी होगी। इसे देखते हुए अस्पताल प्रशासन को अभी से व्यवस्था करने की जरूरत है।
एमआरआई, सीटी स्कैन समेत अन्य जांचों के लिए अलग से सेंटर बनाया हुआ है। वहां सुबह से शाम तक जांच की जाती है। ज्यादा दिक्कत होने पर ही मरीज को एसएमएस अस्पताल रैफर किया जाता है। अगर मरीजों को दिक्कत हो रही है तो दिखवा लेता हूं।
-डॉ. महेश मंगल, अधीक्षक, जयपुरिया अस्पताल