
शादाब अहमद
Rajasthan Assembly Election 2023 : पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है। भाजपा ने राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में उम्मीदवारों की घोषणा भी कर दी है, लेकिन कांग्रेस इस मामले में पिछड़ गई है। कांग्रेस ‘जिताऊ’ और ‘टिकाऊ’ उम्मीदवारों की उलझन में फंसी हुई है। राजस्थान में सरकार रिपीट कराने के लिए खासी मशक्कत कर रही है। स्क्रीनिंग कमेटी अध्यक्ष गौरव गोगोई ने दो दिन पहले करीब 16 घंटे बैठक कर राजस्थान के नेताओं, प्रभारी व सहप्रभारियों से सभी 200 सीटों को लेकर चर्चा की।
दरअसल, पिछले पांच सालों में मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक में कांग्रेस ने विधायकों के दल-बदल के चलते सरकारें गंवाई। जबकि राजस्थान में कांग्रेस सरकार बेहद मुश्किल दौर से गुजरी। अब चुनाव सिर पर है, लेकिन उम्मीदवारों पर फैसला करने में लगातार देरी हो रही है।
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कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि मध्यप्रदेश में लगभग सौ सीटों पर उम्मीदवार तय किए जा चुके हैं। छत्तीसगढ़ और राजस्थान की सर्वे रिपोर्ट पर कांग्रेस उलझन में फंसी हुई है। इन दोनों राज्यों में कुछ मंत्रियों और कई विधायकों के खिलाफ जनता के बीच नाराजगी की बात पार्टी के सर्वे में सामने आई है। राजस्थान में कुछ विधायकों के प्रदर्शन और जनता की नाराजगी के चलते पार्टी उनका टिकट काटना चाहती है, लेकिन सरकार पर संकट के समय ‘टिकाऊ’ साबित हुए विधायकों के प्रति सहानुभूति रवैया अपनाने का दबाव भी है। इसके अलावा खराब प्रदर्शन वाले कुछ विधायकों का मजबूत विकल्प भी पार्टी को नहीं मिल रहा है। यही वजह है कि पार्टी लगातार मंथन पर मंथन कर रही है।
प्रमुख नेताओं से लिया फीडबैक
कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नजदीकी और स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष गोगोई ने दो दिन पहले करीब 16 घंटे तक राजस्थान के नेताओं के साथ मंथन किया। सूत्रों ने बताया कि गोगोई ने राहुल के निर्देश पर प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, विधानसभा अध्यक्ष सी.पी.जोशी से सभी 200 सीटों पर उम्मीदवारों को लेकर चर्चा की। इसके बाद सह प्रभारी काजी निजामुद्दीन, अमृता धवन व वीरेन्द्र सिंह राठौड़ से उनके प्रभार वाले जिलों के विधानसभा सीटों के संभावित उम्मीदवारों के नाम मांगे। उधर, संगठन महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सीडब्ल्यूसी सदस्य सचिन पायलट से अलग बात की है। अब राष्ट्रीय स्तर पर इन सभी नेताओं से मिले फीडबैक और करीब 5 सर्वे के नतीजों का आकलन किया जा रहा है। इन सभी पर स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में चर्चा होगी।
टिकट काटने का हो ठोस आधार
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने खराब प्रदर्शन वाले विधायकों व मंत्रियों के टिकट काटने के सवाल पर कहा कि राजस्थान में हर पांच साल में सरकार बदलती रही है। ऐसे में बड़े पैमाने पर काम कराने के बावजूद किसी भी विधायक के प्रति नाराजगी होना स्वाभाविक है। यही वजह है कि पार्टी कई स्तर पर इसकी जांच करवा रही है, ताकि किसी का टिकट काटना पड़े तो उसके लिए ठोस आधार हो।
Updated on:
13 Oct 2023 08:15 am
Published on:
13 Oct 2023 08:14 am
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