जानकारी के अनुसार कस्बे के पहाड़ पर पुरानी पेयजल टंकी बनी हुई है। सुबह छह बजे जलापूर्ति के दौरान जब कुछ युवक टंकी पर गए तो टंकी की टूटी खिड़कियों, अंदर की सीढिय़ों व बाहर की तरफ मांस के टुकड़े पड़े हुए थे। यत्र-तत्र खून के छीटे भी दिख रहे थे। पता चलते ही लोगों की भीड़ टंकी पर जमा हो गई। इस घटना की सूचना पाकर जलदाय विभाग के एईएन रामचरण मीणा, सरपंच राजेश गोयल व पुलिसकर्मी भी टंकी पर पहुंचे तो लोगों ने सहायक अभियंता के समक्ष रोष जताया।
मुस्लिम समाज के लोगों ने रमजान के पवित्र माह में नापाक पेयजल वितरित करने पर खरी-खोटी सुनाई।लोगों के आक्रोश को देख सरपंच व अन्य लोगों ने ऐसा घृणित कृत्य करने वालों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई का आश्वासन दिया, तब जाकर लोग शांत हुए।
खिड़कियों पर नहीं जाल इस दौरान लोगों ने बताया कि जिस टंकी से पेयजल वितरित किया जा रहा है। उसकी खिड़कियों पर जालियां नहीं है। किवाड़ भी जीर्ण-शीर्ण है। टंकी की कोई सुरक्षा नहीं होने से उसमें कभी भी कोई भी कुछ डाल सकता है। इससे लोगों का जीवन खतरे में पड़ सकता है। उधर, ज्ञापन में लोगों ने असामाजिक तत्वों के विरुद्ध कार्रवाई नही होने पर आंदोलन प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है।
मरम्मत के दिए निर्देश… जलदाय विभाग के अधीक्षण अभियंता रामनिवास मीणा तथा बौंली उपखंड अधिकारी विजेंद्र कुमार मीणा शाम छह बजे पहाड़ स्थिति टंकी पर पहुंचे। दोनों अधिकारियों ने मौका मुआयना किया। टंकी के क्षतिग्रस्त खिड़की, दरवाजों की मरम्मत कराने, पानी को वास आउट कर शाम को नए सिरे से दुबारा पेयजल वितरित करने तथा पेयजल संग्रहण के सभी स्थानों पर सुरक्षा के बंदोबस्त करने के निर्देश दिए।
रिपोर्ट दी है… टंकी की सफाई करा इसकी सुरक्षा के लिए दरवाजे,खिडकियों को सही कराया जा रहा है। लोगो की मांग पर शाम को दौबारा शुद्ध पेयजल वितरित कराया गया है। असामाजिक तत्वों के विरूद्ध थाने में रिपोर्ट दर्ज करा दी गई है। भविष्य में ऐसी पुनरावृत्ति न हो इसके लिए पूरे बंदोबस्त किए जाएंगे।
रामचरण मीणा, सहायक अभियंता, जलदाय विभाग, बौंली।