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जीरे की महंगाई पर धनिये का मरहम, राजस्थान में एक लाख बोरी की आवक

जीरे की महंगाई ने जहां सब्जी में तड़का लगाना महंगा कर दिया है, वहीं धनिये के दामों में आई भारी गिरावट ने इनके स्वाद को बढ़ा दिया है।

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जीरे की महंगाई पर धनिये का मरहम, राजस्थान में करीब एक लाख बोरी की आवक

जीरे की महंगाई पर धनिये का मरहम, राजस्थान में करीब एक लाख बोरी की आवक

Coriander Price जीरे की महंगाई ने जहां सब्जी में तड़का लगाना महंगा कर दिया है, वहीं धनिये के दामों में आई भारी गिरावट ने इनके स्वाद को बढ़ा दिया है। प्रदेश की प्रमुख उत्पादक मंड़ियों में इन दिनों धनिए की जोरदार आवक हो रही है। बंपर आवक की वजह से किराना बाजार में थोक कीमतों पर भारी दबाव बना हुआ है। आगामी दिनों में भी धनिया तेज होने की उम्मीद कम ही दिखाई दे रही है। तीन प्रमुख उत्पादक राजस्थान, मध्य प्रदेश और गुजरात में धनिए की करीब 2.5 से 3 लाख बोरियों की बंपर दैनिक आवक हो रही है। इसमें अकेले राजस्थान में करीब एक लाख बोरी धनिया रोजाना आ रहा है।

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उत्पादक राज्यों में इस बार पर्याप्त वर्षा

मसाला कारोबारी रामअवतार अग्रवाल का कहना है कि उत्पादक मंडियों में जहां तक नजर जा रही है, वहां तक धनिया ही धनिया नजर आ रहा है। पिछले दिनों ऐसी चर्चाएंं थी की इस बार राजस्थान में धनिए का उत्पादन पूर्वानुमान की तुलना में नीचा होगा, परन्तु आवक के नवीनतम स्तर ने इस प्रकार की आशंकाओं को निराधार सिद्ध कर दिया है। धनिया के प्रमुख उत्पादक राज्यों में इस बार पर्याप्त मानसूनी वर्षा हुई है। किसानों की बिकवाली बढ़ने और दिसावरी मांग सुस्त बनी होने के कारण धनिए की हाजिर कीमत में रुक.रुककर मंदी आ रही है।

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धनिया का व्यापार

आंकड़ों के अनुसार इस साल देश से 503.35 करोड़ रुपए कीमत के 36,823 टन धनिए का निर्यात हुआ है। पिछली साल आलोच्य अवधि में इसकी 41,153 टन मात्रा का निर्यात हुआ था और इससे 395.34 करोड़ रुपए की आय हुई थी।