
मौसम में परिवर्तन के कारण वायरल निमोनिया के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। अस्पतालों के आउटडोर में आने वाले इसके कई मरीजों को भर्ती करने की जरूरत भी पड़ रही है। चिंता की बात यह है कि इस बार इसमें कई लक्षण कोविड के जैसे ही हैं। जिनमें स्वाद गायब होना और ऑक्सीजन की कमी मुख्य है। हालांकि कोविड की जांच में इनकी रिपोर्ट नेगेटिव है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह कोविड नहीं है और इसमें एक से दूसरे को संक्रमण फैलने की आशंका भी न के बराबर ही रहती है।
इस समय दीपावली की सफाई के कारण भी एलर्जिक जुकाम और खांसी के मरीज बढ़ रहे हैं। जिनमें बार-बार छींक आने की समस्या भी हो रहा है। इसमें अस्थमा, पॉलीप बनने और स्वाद व सुगंध शक्ति कम होने का खतरा रहता है। विभिन्न प्रकार के पेड़-पोधों से छोटे-छोटे पोलेन्स, एलर्जन्स के रूप में हवा में विचरण करते हैं। सुबह सूर्योदय से पहले व शाम को सूर्यास्त के बाद वातावरण में इनका स्तर सर्वाधिक रहता है। ऐसे में इनका भी प्रभाव इस समय सेहत पर पड़ रहा है। इस समय इनके संपर्क में आने से बचना चाहिए।
बचाव के लिए ये करें
धूल, धुंआ व ठंड से बचें
झाडू़ से सूखी सफाई करने के बजाए गीले कपडे से साफ करें
मुंह व नाक को पूरी तरह ढकते मास्क का प्रयोग करें
पर्दे, बेडशीट, चादर, कालीन को झड़काने के बजाय सीधे पानी में धोएं
जिन सदस्यों को धूल से एलर्जी है या पहले से ही अस्थमा के रोगी है, उन्हें सफ़ाई से दूर रखें
अलसुबह व रात को होने वाली ठंड से बचें
तेज परफ्यूम, इत्र, अगरबत्ती का धुंआ व धूम्रपान से बचें
घर में अनावश्यक पड़ा पुराना फर्नीचर, गद्दे, पुरानी फाइलें व किताबों, जूते व चप्पलों आदि को एकत्र न होने दें
दीवारों पर फंगस न जमने दें
रेशेदार व बाल वाले जानवरों तथा सोफ्ट टॉयज से दूर रहें
फ्रिज में रखी ज्यादा ठंडी चीजों काे खाने व ठंडा पानी पीने से बचें
बर्तन में रखा सामान्य तापमान का पानी पीएं
गले में खराश हो तो पानी की भाप ले सकते हैं
एलर्जी के लक्षण प्रकट होने पर इसकी अनदेखी न करें, विशेषज्ञ की सलाह से एंटीएलर्जिक दवाएं या नेजल स्प्रे से इसे नियंत्रित किया जा सकता है
टॉपिक एक्सपर्ट : दिन व रात के तापमान में अंतर से बढ़ रही समस्या
डॉ.शुभकाम आर्य, ईएनटी विशेषज्ञ
यदि आपको लगातार छींके आना, नाक से पानी बहना और आंख व नाक में खुजली रहने जैसी समस्याएं हैं तो इनकी अनदेखी न करें। यह एलर्जिक राइनाइटिस के लक्षण हैं। जिनके बने रहने पर सूंघने की क्षमता में कमी, नेजल पोलिप, कान की बीमारियां, अस्थमा-खांसी आदि समस्या भी पनप सकती है। इन दिनों इन समस्याओं से पीड़ित मरीजों की तादाद बढ़ रही है। मौसम परिवर्तन के कारण दिन व रात के तापमान में अंतर बढ़ता जा रहा है। वहीं दीपावली से पहले घरों व ऑफिस की सफाई में लंबे अरसे से जमी धूल व मिट्टी भी सेहत को बिगाड़ रही है।
इस समय एलर्जी और वायरल निमोनिया के मरीज आ रहे हैं। इसमें स्वाद गायब होने की समस्या भी रहती है। लक्षण भले ही कोविड जैसे हों, लेकिन यह कोविड नहीं है। समय रहते इसका इलाज किया जा सकता है और अधिकांश मरीज कुछ दिन में पूरी तरह ठीक हो जाते हैं।
डॉ.वीरेन्द्र सिंह, अस्थमा रोग विशेषज्ञ
Published on:
10 Nov 2023 12:39 pm
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