श्रीगंगानगर, पदमपुर, सूरतगढ़, करणपुर, गोलूवाला, घड़साना, रायसिंहनगर, अनूपगढ़, गजसिंहपुर, रावला, हनुमानगढ़, नोहर, भादरा, सांगरिया, पीलीबंगा, जैतसर, रावतसर, डूंगरगढ़, बीकानेर, नोखा, कोटा, बारां, रामगंजमण्डी, केकड़ी, ब्यावर आदि मंडियों में ज्यादा नुकसान हुआ है। यह माल किसान एवं व्यापारी दोनों का है। किसान की खेत में पड़ी फसल भी लाखों टन में खराब हुई है।
संघ ने राज्य सरकार से मांग की है कि वे इस आपदा में व्यापारी तथा किसान को सहायता प्रदान करें। इसके साथ ही फूड कॉर्पोरेशन में तुलने के बाद जो गेहूं खराब हुआ है, वह किसान तथा व्यापारी के माथे नहीं पड़े एवं उसे स्वीकार करें क्योंकि तुलने के बाद माल एफसीआई का हो जाता है। प्रदेश में ओलावृष्टि एवं बारिश से फसलों में हुए नुकसान के बाद सरकार ने प्रशासन से रिपोर्ट तलब की है। उधर, कृषि विभाग की ओर से गेहूं, जौ एवं चने की फसलों में खराबे को लेकर सर्वे करवाया जा रहा है। इसके बाद संबंधित क्षेत्रों की रिपोर्ट के बाद ही खुलासा होगा कि कितना नुकसान हुआ है।