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कैंपस में खौफ का अंधेरा, छात्राओं को सड़क पर आने से भी लगता डर

राजस्थान विश्वविद्यालय में रात को कैंपस की सड़कों पर अंधेरा रहता है। इस कारण रात को हॉस्टल आते-जाते छात्र और छात्राएं दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं। छात्राओं में असुरक्षा का भाव भी बना हुआ है। यह मुद्दा छात्रसंघ चुनाव में खूब उठाया गया। लेकिन विश्वविद्यालय की ओर से अभी तक रोड लाइट नहीं लगवाई गई हैं। हैरानी की बात है कि कुलपति का आवास रोशनी से जगमग रहता है, लेकिन विद्यार्थियों को अंधेरा ही नसीब हो रहा है।

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Rajasthan University- यूजी सैकेंड और फाइनल ईयर में रिएडमिशन के लिए आवेदन 12 अगस्त तक

Rajasthan University- यूजी सैकेंड और फाइनल ईयर में रिएडमिशन के लिए आवेदन 12 अगस्त तक

राजस्थान विश्वविद्यालय में रात को कैंपस की सड़कों पर अंधेरा रहता है। इस कारण रात को हॉस्टल आते-जाते छात्र और छात्राएं दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं। छात्राओं में असुरक्षा का भाव भी बना हुआ है। यह मुद्दा छात्रसंघ चुनाव में खूब उठाया गया। लेकिन विश्वविद्यालय की ओर से अभी तक रोड लाइट नहीं लगवाई गई हैं। हैरानी की बात है कि कुलपति का आवास रोशनी से जगमग रहता है, लेकिन विद्यार्थियों को अंधेरा ही नसीब हो रहा है।

अंधेरा देख हिम्मत ही नहीं होती

छात्राओं का कहना है कि किसी कारण से अगर रात को हॉस्टल से बाहर जाना पड़ जाए तो अकेले जाने में डर लगता है। अंधेरे के कारण जानवर आने का भी डर रहता है। इसके अलावा राजस्थान विश्वविद्यालय में पीछे की तरफ गेस्ट हॉउस, बॉयज हॉस्टल रोड, पानी की टंकी, बॉटनी विभाग, सरस्वती गार्डन स्थित सड़क पर लाइट नहीं जलती है।

घूम भी नहीं सकते

लाइब्रेरी से लौटते समय रात में डर लगता है। कभी रात में एटीएम से पैसे निकालने के लिए भी सोचना पड़ता है। खाना खाकर छात्राएं अक्सर घूमने निकलती हैं, तो अंधेेरे में दिक्कत होती है। -पूजा, छात्रा

आखिर खुली शिकायत पेटी, कॉल कर पूछा क्या परेशानी है...

राजस्थान विश्वविद्यालय प्रशासन अब छात्राओं की सुरक्षा पर सचेत हो गया है। विश्वविद्यालय में छात्राओं की शिकायत जानने के लिए लगाई गई पेटी की आखिरकार सुध ली गई है। मंगलवार को शिकायत पेटी को खोल छात्रा का पत्र भी निकाला है। महिला उत्पीड़न कमेटी ने छात्रा को फोन कर हालचाल पूछा। इतना ही नहीं, छात्रा को कोई परेशानी होने पर संपर्क करने के लिए कहा गया है। गौरतलब है कि नौ अक्टूबर को राजस्थान पत्रिका ने ‘एक माह से शिकायत पेटी में छात्रा का पत्र पड़ा, कॉल कर पूछा तक नहीं’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित कर मामले को प्रमुखता से उठाया गया था। इसमें बताया था कि यूनिवर्सिटी की ओर से छात्रा सुरक्षा में लापरवाही बरती जा रही है। इतना ही नहीं, यूनिवर्सिटी में शिकायत पेटी का रखरखाव नहीं किया जा रहा न ही शिकायत पत्रों पर कार्रवाई की जा रही है