19 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

विधानसभा में टकराव जारी: डोटासरा ने पूछा- गाजर-मूली हूं, जो तोड़कर खा जाओगे? गहलोत बोले- स्पीकर को इगो छोड़ना चाहिए

Deadlock in Rajasthan Assembly: राजस्थान विधानसभा में पिछले पांच दिनों से जारी गतिरोध आज और बढ़ गया, जब निलंबित कांग्रेस विधायकों और सुरक्षाकर्मियों के बीच धक्का-मुक्की हो गई।

3 min read
Google source verification
Ashok Gehlot and Govind Singh Dotasara

Deadlock in Rajasthan Assembly: राजस्थान विधानसभा में पिछले पांच दिनों से जारी गतिरोध आज और बढ़ गया, जब निलंबित कांग्रेस विधायकों और सुरक्षाकर्मियों के बीच धक्का-मुक्की हो गई। निलंबित विधायक विधानसभा में प्रवेश की कोशिश कर रहे थे, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोक दिया। इसी दौरान दोनों पक्षों में तीखी झड़प और धक्कामुक्की की नौबत आ गई।

इस बीच, सदन में प्रश्नकाल जारी रहा, लेकिन कांग्रेस ने बायकॉट कर दिया। कांग्रेस विधायकों ने इंदिरा गांधी पर कथित अपमानजनक टिप्पणी के विरोध में विधानसभा के पश्चिमी गेट पर धरना दिया। जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, सचिन पायलट, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली सहित कांग्रेस के सभी विधायक शामिल रहे।

दोनों पक्षों के बीच धक्का-मुक्की

राजस्थान विधानसभा के पश्चिमी द्वार पर कांग्रेस विधायकों का धरना प्रदर्शन चल रहा था, तभी निलंबित विधायक हाकम अली, जाकिर हुसैन गैसावत और संजय जाटव सदन में घुसने की कोशिश करने लगे। जब सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें रोका, तो दोनों पक्षों के बीच धक्का-मुक्की की स्थिति बन गई।

विधानसभा नियमों के अनुसार, निलंबित विधायकों को सदन परिसर में प्रवेश की अनुमति नहीं है, लेकिन वे फिर भी अंदर जाने की कोशिश कर रहे थे। स्थिति बिगड़ती देख वरिष्ठ कांग्रेस विधायक राजेंद्र पारीक ने हस्तक्षेप किया और मामला शांत कराया। इस घटना के बाद कांग्रेस ने सरकार और स्पीकर पर तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप लगाया।

कांग्रेस ने स्पष्ट कर दिया कि जब तक मंत्री अविनाश गहलोत माफी नहीं मांगते और उनकी टिप्पणी कार्यवाही से नहीं हटाई जाती, तब तक वे सदन में नहीं जाएंगे।

गहलोत ने स्पीकर पर साधा निशाना

धरने में पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधानसभा स्पीकर वासुदेव देवनानी और बीजेपी सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि स्पीकर का व्यवहार बहुत हैरान करने वाला है। वे यह न भूलें कि उनका निर्वाचन निर्विरोध हुआ था। स्पीकर को रोज मंत्रियों को बचाना पड़ता है, यह सरकार की नीयत पर सवाल खड़े करता है। स्पीकर को अपनी इगो छोड़नी चाहिए।

गहलोत ने आगे कहा कि सरकार किरोड़ी लाल मीणा के फोन टैपिंग मामले में जवाब नहीं दे रही। स्पीकर का व्यवहार पक्षपातपूर्ण है। इंदिरा गांधी पर की गई टिप्पणी पर मंत्री को माफी मांगने में दिक्कत क्या है? विपक्ष ने तो खेद जता दिया, लेकिन मंत्री को बचाने की कोशिश हो रही है।

मैं गाजर-मूली हूं क्या- डोटासरा

धरना स्थल पर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने संसदीय कार्यमंत्री जोगाराम पटेल पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि संसदीय कार्यमंत्री ने खुद कहा कि हमारा स्पीकर जैसा है, वैसा है, यह किसी की भी बात नहीं मानेगा।

डोटासरा ने तंज कसते हुए कहा कि क्या मैं गाजर-मूली हूं, जो तोड़कर खा जाओगे? सरकार में मतभेद हैं, माफी मांगने की सहमति सिर्फ मंत्री के लिए बनी थी, मेरी नहीं। अगर कोई गीता पर हाथ रखकर कह दे कि मेरी माफी की सहमति बनी थी, तो मैं सदन छोड़ दूंगा।

काहे का समझौता? - सचिन पायलट

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट ने सरकार पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि हमारे नेता प्रतिपक्ष और डोटासरा ने ऑन रिकॉर्ड खेद जताया, लेकिन सरकार के मंत्री ने न बयान वापस लिया, न ही स्पीकर ने उसे कार्यवाही से हटाया। तो फिर यह कैसा समझौता? पायलट के इस बयान से साफ है कि कांग्रेस सरकार को बैकफुट पर लाने की रणनीति पर काम कर रही है।

कैसे शुरू हुआ था पूरा विवाद?

गौरतलब है कि 21 फरवरी को प्रश्नकाल के दौरान सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने इंदिरा गांधी पर एक टिप्पणी की। उन्होंने कहा था कि 2023-24 में ‘आपकी दादी’ इंदिरा गांधी के नाम पर योजना का नाम रखा था। कांग्रेस ने इसे अपमानजनक बताते हुए सदन में हंगामा किया और वेल में आ गई। संसदीय कार्यमंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि दादी सम्मानजनक शब्द है, लेकिन कांग्रेस विधायकों ने इसे अस्वीकार्य बताया।

यह भी पढ़ें : विधानसभा में पक्ष-विपक्ष का ‘हाईवोल्टेज ड्रामा’: मंत्री गहलोत की माफी पर अड़ी कांग्रेस, बेढ़म बोले- बात से मुकर गए डोटासरा

बढ़ते हंगामे के बीच कांग्रेस विधायकों ने स्पीकर की टेबल तक जाने की कोशिश की, जिसके चलते सदन की कार्यवाही चार बार स्थगित करनी पड़ी। इसके बाद मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने कांग्रेस विधायकों के निलंबन का प्रस्ताव रखा था, जिसे स्पीकर ने मंजूरी दी और 6 विधायकों को निलंबित कर दिया।

यहां देखें वीडियो-