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मिराज ग्रुप निदेशक की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित

डीजीजीआइ DGGI jaipur : 870 करोड़ की कर चोरी आरोप, पार्टनर समेत 4 दिन से न्यायिक हिरासत में, विशेष कोर्ट (आर्थिक अपराध) कर चुका है जमानत अर्जी खारिज  

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मिराज ग्रुप निदेशक की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित

मिराज ग्रुप निदेशक की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित

जयपुर. मिराज ग्रुप के निदेशक विनयकांत आमेटा की जमानत याचिका पर शुक्रवार को जयपुर महानगर द्वितीय की एडीजे कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने जमानत याचिका पर सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया। इससे पहले विशेष कोर्ट (आर्थिक अपराध) विनयकांत की जमानत याचिका खारिज कर चुका है। तंबाकू, पाइप्स, सिनेमा, एफएमसीजी, रियल एस्टेट सहित विभिन्न सेक्टर में सक्रिय मिराज समूह पर जीएसटी इंटेलीजेंस महानिदेशालय (डीजीजीआई) (DGGI jaipur) ने टैक्स चोरी को लेकर परिवाद दायर किया था। उसके बाद विनयकांत की एक पार्टनर सहित चार दिन पहले गिरफ्तारी हुई थी।

870 करोड़ की टैक्स चोरी

नाथद्वारा के इस तंबाकू व अन्य सेक्टर में सक्रिय व्यावसायिक ग्रुप पर 870 करोड़ की टैक्स चोरी की अनियमितता होने का मामला दर्ज हुआ है। डीजीजीआइ की टीम ने 22 अक्टूबर को उद्यमी के घर, दफ्तर और फैक्ट्री में तीन दिन छानबीन की। यहां टीम के 15-20 अफसरों ने समूह की व्यावसायिक गतिविधियां, लेनदेन और टैक्स संबंधी हिसाब का मिलान किया, जिसमें 870 करोड़ की टैक्स चोरी की अनियमितता बताई गई है। कार्रवाई में मिराज ग्रुप के निदेशक विनयकांत और नोएडा स्थित पैकिंग फर्म के मालिक धनंजय सिंह को गिरफ्तार किया है।

डीजीजीआइ अधिकारियों ने बनाई दूरी

मिराज ग्रुप प्रमोटर्स अपने धार्मिक और राजनीतिक संबंधों के चलते भी काफी चर्चित रहे हैं। ऐसे में समूह पर छापामारी से जुड़ी जानकारी देने में डीजीजीआइ अधिकारी कन्नी काट रहे हैं। हालांकि इतने बड़े ग्रुप की कर चोरी में लिप्तता की चर्चा पूरे प्रदेश में है। शुक्रवार को मिराज ग्रुप के कई प्रमोटर और कंपनी के उच्च अधिकारी डीजीजीआइ के ऑफिस भी पहुंचे, लेकिन उन्होंने भी कार्रवाई पर कोई जवाब नहीं दिया। समूह के नाथद्वारा, हरिद्वार, अहमदाबाद, जयपुर, राजसमंद स्थित ठिकानों पर हुआ एक्शन रजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है।

कई सालों से रडार पर

महज 2 दशक में राजस्थान के सबसे बड़े कारोबारी समूह में शामिल होने वाले मिराज ग्रुप पर केंद्रीय आसूचना एजेंसियों की नजर है। समूह पर डीजीजीआइ पहले भी छापामारी कर चुका है। मुख्य रूप से तंबाकू उत्पाद निर्माण में सक्रिय समूह के उत्पादन, मांग, आपूर्ति और स्टॉक में गंभीर अनियमितताएं सामने आई हैं।