
सदन की गरिमा, चर्चा और संवाद का गिरता स्तर चिंता का विषय : बिरला
जयपुर। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि 75 वर्ष में जनता सजग हुई है। उनकी आकांक्षाएं, अपेक्षाएं भी संसद, विधानसभाओं से बढ़ी है। इनको कैसे पूरा किया जाए ये हमारे लिए चुनौती है। इसके लिए जरूरी है कि बदलते परिवेश में डिजिटल प्लेटफॉर्म को और अधिक मजबूत किया जाए।
बिरला सोमवार को शहर से करीब आठ किमी दूर एक होटल में राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (सीपीए) भारत क्षेत्र के 9वें सम्मेलन को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पीएम नरेन्द्र मोदी ने 'वन नेशन-वन विधायी व्यवस्था' के बारे में सोचा। इसलिए कि देश की सारी लोकतांत्रिक व्यवस्थाएं एक ही प्लेटफार्म पर रहे। इससे विधान मंडलों, उनके परिवर्तन, नियम, चर्चाओं, मुद्दों, सदन में होने वाले बजट, सदन की नियम प्रक्रियाओं के साथ विधान बनने की जानकारी हो सकेगी। जनता को भी इसके बारे में पता चल सकेगा। हम लोकतांत्रिक संस्थाओं को तब मजबूत बना पाएंगे, जब इसमें जनता की सक्रिय भागीदारी होगी।
इसके लिए डिजिटल सुविधाओं का उपयोग महत्वपूर्ण है। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि लगातार सदन की गरिमा घटती जा रही है। चर्चा-संवाद का स्तर भी गिर रहा है। इसमें तभी सुधार होगा जब डिजिटल माध्यम से जनता की भागीदारी लोकतांत्रिक संस्थाओं के माध्यम से बढ़े। संसदीय लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं को जवाबदेह बनाने के लिए जनप्रतिनिधियों को अपने आचार-विचार में परिवर्तन करना होगा। यही नहीं सदन में गतिरोधों, व्यवधानों को कम करना होगा। ये तभी संभव है जब उस क्षेत्र का मतदाता अपने जनप्रतिनिधि से सवाल पूछेगा।
सीएम ने फिर किया नेता प्रतिपक्ष पर कटाक्ष- आप सुन नहीं रहे हैं
समारोह में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने जिस प्रकार से पक्ष-विपक्ष को साथ लेकर काम किया। वह इतिहास बन गया। चाहे पक्ष हो या विपक्ष इन्होंने किसी को नहीं बख्शा। नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ की तरफ इशारा करते हुए उन्होंने कहा मैं सोचता हूं कि राठौड़ मेरी बात से सहमत होंगे। सम्मेलन के दौरान सीएम गहलोत ने चिरंजीवी योजना का भी जिक्र किया।
उन्होंने आईटी और डिजिटल का उदाहरण देते हुए कहा कि आज दवाइयों की सप्लाई और चिरंजीवी का सारा काम कम्प्यूटर के माध्यम से हो रहा है। हमारे नेता प्रतिपक्ष उस समय चिकित्सा मंत्री थे। ये बोलते हुए जब उन्होंने देखा कि राजेंद्र राठौड़ उनकी तरफ नहीं देख रहे हैं तो राठौड़ की तरफ इशारा करते हुए कहा कि आप सुन नहीं रहे हैं...कहां देख रहे हो? मैं तो आपकी बात कर रहा हूं।
इसके बाद राठौड़ ने सीएम की तरफ देखा तो बोले- उस समय ये विपक्ष में थे तो चुनाव में हमारी बहुत आलोचना की। कहा था कि चुनाव आ गया, इसलिए दवाइयां फ्री हैं, टेस्ट फ्री हो रहे हैं। जबकि मैंने दो साल पहले ऐलान कर दिया था। गौरतलब है कि पिछले कई दिनों से सीएम और नेता प्रतिपक्ष के बीच कटाक्ष का दौर चल रहा है।
विधायिका व प्रशासनिक व्यवस्था ठीक से करें काम : जोशी
सम्मेलन विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था जनहित के लिए है। इसलिए जरूरी है कि नियम, कानून की प्रक्रिया बदले। संसदीय लोकतंत्र के माध्यम से हमने देश को मजबूत बनाने का काम किया है। विधायिका और प्रशासनिक व्यवस्था ठीक से काम करे तो नीतियां प्रभावशाली बनेंगी। ज
गुड गवर्नेंस के लिए तकनीकी का उपयोग जरूरी
राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश ने कहा कि हम प्रशासन को कितना पारदर्शी बना सकते हैं। उसके लिए विधायिका को इस पर गहनता से मंथन करना होगा।
Published on:
21 Aug 2023 08:13 pm
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