
मण्डी सेस एवं कृषक कल्याण फीस समाप्त करने की मांग
प्रदेश के खाद्य पदार्थ व्यापारियों ने मंडी सेस को घटाकर एक फीसदी करने और कृषक कल्याण फीस को समाप्त करने की मांग की है। राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के चेयरमैन बाबूलाल गुप्ता ने बताया कि हमने सरकार से मोटे अनाज पर आढ़त 2.25 फीसदी और हनुमानगढ़ जिले की मंडियों में धान की सरकारी खरीद जल्द कराने की मांग की है। ईसबगोल, धनिया, जीरा आदि के लिए उद्योग पार्क घोषित करने को भी कहा गया है। राज्य में पैदा होने वाली ईसबगोल, धनिया, जीरा आदि के लिए आवश्यक उद्योग पार्क घोषित किए जाए।
कॉटन पर 0.50 फीसदी मण्डी सेस
व्यापारियों को भूखंड आवंटन में प्राथमिकता, डीएलसी रेट का निर्धारण, डोम निर्माण, गोदाम की डीएलसी रेट के 25 फीसदी पर आवंटन, कच्चा आढ़तिया संघ को किराए पर दिए भवन को 99 वर्षीय लीज पर आवंटन करने जैसी मांगे रखी है। कॉटन पर 0.50 फीसदी मण्डी सेस संधारित किया जाए। गुप्ता का कहना है कि मंडी शुल्क तथा कृषक कल्याण फीस के कारण प्रदेश की मंडियां बर्बाद हो रही है। मंडियों में कार्यरत हजारों आढ़तिये बेरोजगार हो रहे है और मण्डी के बाहर बैठे असमाजिक लोगों द्वारा दिए गए झूठे प्रलोभनों के कारण किसान तथा उपभोक्ता ठगे जा रहे हैं। मंडी के बाहर तथा मंडी के भीतर एक ही मंडी कर लागू करने पर व्यापारी, किसान तथा उपभोक्ता लाभान्वित होंगे और मंडियों का स्वरूप सुरक्षित रहेगा। वहां कार्यरत कर्मचारी भी बेरोजगार नहीं होंगे।
Published on:
12 Jul 2023 04:38 pm
बड़ी खबरें
View Allजयपुर
ट्रेंडिंग
