इस बार बरसात के लंबे दौर के बाद अब डेंगू का डंक कहर बरपा रहा है। चिंता की बात यह है कि इस बार यह बीमारी पिछले वर्ष की तुलना में अधिक रफ्तार से बढ़ रही है। जयपुर जिले में गत वर्ष इस समय तक करीब 1 हजार मरीज थे, जो इस वर्ष 1200 तक पहुंच चुके हैं। गैर सरकारी आंकड़ों के अनुसार जिले में इस साल करीब 5 हजार मरीज सामने आ चुके हैं, जो सरकारी आंकड़ों से करीब चार गुना अधिक है।
इस बार बरसात के लंबे दौर के बाद अब डेंगू का डंक कहर बरपा रहा है। चिंता की बात यह है कि इस बार यह बीमारी पिछले वर्ष की तुलना में अधिक रफ्तार से बढ़ रही है। जयपुर जिले में गत वर्ष इस समय तक करीब 1 हजार मरीज थे, जो इस वर्ष 1200 तक पहुंच चुके हैं। गैर सरकारी आंकड़ों के अनुसार जिले में इस साल करीब 5 हजार मरीज सामने आ चुके हैं, जो सरकारी आंकड़ों से करीब चार गुना अधिक है।
प्रदेश में यह आंकड़ा दस हजार माना जा रहा है। चिकित्सकों के अनुसार हाल ही बारिश का एक दौर पूरा हुआ है और सामान्यत: बारिश ठहरने के अगले एक से दो सप्ताह के दौरान डेंगू का डंक बढ़ने की आशंका रहती है। ऐसे में अब अगले पंद्रह दिन इस बीमारी के लिहाज से चिंताजनक हो सकते हैं। चिकित्सकों ने इस दौरान सतर्क रहने को कहा है।
चिकित्सकों के अनुसार इस बार अधिक बारिश होने के कारण डेंगू का खतरा भी अधिक है। इसके अलावा मौसम में बदलाव से जुड़ी बीमारियां सर्दी, खांसी, बुखार के मरीज भी बड़ी संख्या में सामने आ रहे हैं। इसके कारण ब्लड बैंको में प्लेटलेट की मांग भी बढ़ गई है। सिंगल डोनर प्लेटलेट (एसडीपी) की अधिक किल्लत है। इसमें मरीजों के लिए हाथों हाथ रक्तदाता की व्यवस्था में भी परेशानी आ रही है। जानकारी के मुताबिक इस समय जयपुर के ब्लड बैंकों में ही रोजाना करीब 150 से 200 यूनिट प्लेटलेट्स की मांग आ रही है। राज्य में इस बार टूटी सड़कों और उनमें जमा हुए बरसाती पानी से भी मौसमी बीमारियों का खतरा बढ़ा है।
हर जिले में टीम एक्शन में
मौसमी बीमारियों पर नियंत्रण के लिए हर जिले में टीमें कार्य कर रही हैं। सरकार के पास जिन मरीजों की सूचना आती है, उनको आंकड़ों में दर्ज किया जाता है। -डॉ रविप्रकाश शर्मा, अतिरिक्त निदेशक ग्रामीण स्वास्थ्य