
प्रतिनियुक्ति का ऐसा मोह...बुलाती है नौकरी मगर जाने का नहीं
प्रतिनियुक्ति का मोह अभियंताओं को ऐसा है कि कोई आदेश के 10 दिन तो कोई सात दिन बीत जाने के बाद भी मूल विभाग में जाने को तैयार नहीं हैं। कई तो आदेश काे निरस्त कराने में जुटे हैं। मूल विभाग में वापस न जाना पड़े, इसके लिए मंत्री से लेकर अफसरों तक के चक्कर भी लगा रहे हैं।
दरअसल, राज्य विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड, राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड और अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के कई अभियंता जेडीए, नगर निगम से लेकर जयपुर मेट्रो और राजस्थान आवासन मंडल में प्रतिनियुक्ति पर सेवाएं दे रहे हैं। बीते दिनों सभी की सेवाएं समाप्त कर वापस बुला लिया गया।
एक गए, दो कर रहे काम
जेडीए की विद्युत शाखा में सेवाएं दे रहे तीन अधीक्षण अभियंताओं को वापस बुलाया गया। उसमें से सी पी गुप्ता ही अब तक अपने मूल विभाग वापस गए। बाकी दो एक्सईएन राजीव सिंघल की 17 फरवरी को और भंवर सिंह की 14 फरवरी को प्रतिनियुक्ति सेवा समाप्त कर दी, लेकिन दोनों जेडीए में सेवाएं दे रहे हैं।
शहरी सरकारों में पद नहीं, फिर भी कर रहे काम
-हैरिटेज नगर निगम में पिछले तीन वर्ष से विद्युत शाखा में अतिरिक्त मुख्य अभियंता के स्थान पर अधीक्षण अभियंता कृष्ण कुमार गुप्ता काम संभाल रहे हैं। 14 फरवरी को विद्युत वितरण निगम ने आदेश जारी कर इन्हें वापस बुलाया, लेकिन ये अब तक नहीं गए। इसी तरह कनिष्ठ अभियंता सुरेंद्र राठी भी सहायक अभियंता के पद पर काम कर रहे हैं।
-ग्रेटर नगर निगम में भी सहायक अभियंता देवेश शर्मा और भागचंद कोली, कनिष्ठ अभियंता हेमंत कुमार निमेष भी काम कर रहे हैं।
...इधर ये हाल
जेडीए में विधि सहायक जोन की पत्रावली पर टिप्पणी कर रहे हैं। जबकि, इनका दायित्व जोन में विचाराधीन विधिक प्रकरण में उपायुक्त क़ी सहायता करना है। जेडीए में 1400 से अधिक गार्ड कार्यरत हैं। ये गार्ड मूल काम की बजाय फाइलों को इधर-उधर करने में व्यस्त रहते हैं।
Published on:
26 Feb 2024 11:50 am
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