
petrol diesel
जयपुर। एकसाथ 12 हजार लीटर खरीदने पर प्रदेश में 83 रुपए 77 पैसे प्रतिलीटर में डीजल मिलता है। इयका लाभ लेने वालों में रोडवेज, जेसीटीएसएल, रेलवे तथा करीब 200 बड़े ठेकेदार, खान व उद्योग शामिल हैं, जिनसे 26 के बजाय 10 से 15 प्रतिशत वैट लिया जा रहा है। इस पर राज्य सरकार का तर्क है कि इनके लिए वैट कम करने से करीब 200 करोड़ रुपए अतिरिक्त राजस्व मिलने लगा है।
इनमें से अधिकतर ऐसे बड़े उपभोक्ता हैं जो एकसाथ 12 हजार लीटर से अधिक डीजल खरीदते हैं और अब तक दूसरे राज्य से डीजल लाते थे। इस बीच सामने आया है कि राज्य सरकार रोडवेज को वर्षों से कम वैट पर डीजल दे रही है, कुछ साल रेलवे ने अपने लिए पडोसी राज्यों से सस्ता डीजल लाने की तैयारी को तो उसे भी वैट में छूट दे दी। मौजूदा सरकार ने वैट कम होने के कारण पडोसी राज्यों से बल्क में डीजल ला रहे ठेकेदारों व उद्योगों को 10 प्रतिशत वैट पर डीजल देने का प्रस्ताव रखा। हाल ही खान वालों को भी सरकार ने इसमें शामिल कर लिया ैहै। इसके विपरीत ऐसा ही तर्क सीमावर्ती जिलों के लिए लागू होता है, लेकिन सरकार के वैट नहीं घटाने से इन जिलों के आम उपभोक्ता पडोसी राज्यों से सस्ता डीजल—पेट्रोल लाने को मजबूर हैं।
इनके लिए वैट की दर
आम उपभोक्ता के लिए डीजल पर वैट—26 प्रतिशत
रोडवेज व जेसीटीएसएल के लिए — 13 प्रतिशत वैट
रेलवे के लिए —15 प्रतिशत
बड़े ठेकेदार, उद्योग व खान वालों के लिए— 10 प्रतिशत
सस्ते डीजल के लिए शर्त
अपने उपभोक्ता पंप के लिए एक बार में 12 हजार लीटर डीजल लेना होगा। फिर उसे चाहे दो दिन चलाएं या एक साल, पर एक बार में 12 हजार लीटर खरीदने की शर्त है।
Updated on:
13 Nov 2021 01:44 am
Published on:
13 Nov 2021 01:32 am
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