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योग दिवस पर धरी रह गई सरकार की मंशा, अब भू-आवंटन की चर्चा

करौली में मंदिर माफी की 400 बीघा जमीन का गरमाया मामला

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Jaipur News

योग दिवस पर धरी रह गई सरकार की मंशा, अब भू-आवंटन की चर्चा

जयपुर. बाबा रामदेव की पतंजलि योग पीठ करौली में मंदिर माफी की जमीन का भू-उपयोग बदलने के मामले में फिलहाल सरकार की उम्मीद धरी रह गई।

सूत्रों के मुताबिक सरकार अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर रामदेव को भू-उपयोग परिवर्तन कर उद्योग लगाने की राह पूरी तरह खोलने का तोहफा देना चाह रही थी। लेकिन भू-उपयोग परिवर्तन मामले में अफसरों के हाथ खींचने से फिलहाल ऐसा नहीं हो पाया। हालांकि, इस बीच विवादित जमीन की बजाय कहीं ओर जमीन आवंटन को लेकर चर्चा चल रही है। इस कारण और भू-उपयोग परिवर्तन दोनों मामले में गेंद विधि विभाग के पाले में डाल दी गई। विधिविभाग अध्ययन कर रहा है कि इसमें किस तरह गली निकाली जा सकती है। इस बीच चर्चा यह भी चल रही है विवादित जमीन के पास इलाके में ही रीको की भूमि है। संभव है कि पीठ को उद्योग लगाने के लिए यहां जमीन दे दी जाए।

स्वायत्त शासन व विधि विभाग साफ कर चुका, मंदिर माफी की जमीन का भू-उपयोग परिवर्तन नहीं हो सकता।

यह है मामला

करौली में गोविंददेवजी ट्रस्ट ने मंदिर माफी की करीब 400 बीघा भूमि पतंजलि योग पीठ को उद्योग के लिए दी है। 22 अप्रेल को शिलान्यास भी हो चुका है। पीठ यहां प्रोजेक्ट लगाने का काम शुरू करना चाह रही थी। इसके लिए औद्योगिक भू-रूपांतरण करना जरूरी है। लेकिन नियमों के तहत ऐसा हो ही नहीं सकता, क्योंकि मंदिर माफी की भूमि का भू-उपयोग परिवर्तन हो ही नहीं सकता। इसके लिए सरकार से संपर्क साधा गया। कई तरह की गलियां तलाशी गई मगर अभी तक समाधान नहीं मिला। इस कारण दोनों के बीच हुए अनुबंध भी खत्म होगा।

तीन बैठकों में कर दी थी स्थिति साफ

सचिवालय में 18 जून को तीन बैठकों का दौर चला। पहले विधि विभाग के साथ मंथन हुआ, लेकिन गली नहीं निकली। इसके बाद नगरीय विकास मंत्री श्रीचंद कृपलानी व देवस्थान राज्य मंत्री राजकुमार रिणवा के साथ अफसर बैठे। अंत में मुख्य सचिव डी.बी. गुप्ता के साथ बैठक हुई। सभी जगह नियम आड़े आए।

दूसरी जगह आवंटन की राह तलाश रहे

इस विवादित भूमि पर औषधीय पौधों की खेती तो हो सकती है। लेकिन योगपीठ, गुरुकुल और आयुर्वेदिक औषधालय, आयुर्वेदिक दवाइयों का उत्पादन केंद्र के लिए दूसरी जगह जमीन लेनी होगी, जिसका भू-उपयोग शैक्षणिक या औद्योगिक हो सकता हो। चर्चा चल रही है कि सरकार स्तर पर जमीन आवंटन किया जा सकता है। इसके लिए भी संबंधित अधिकारियों के साथ विधि? विभाग के उच्चाधिकारियों से राय ली जा रही है।